फिल्म समीक्षा
ओ मॉय गॉड
(नेहा घई पण्डित)
मुंबई (साई)। अक्षय
कुमार की ओ मॉय गाड के बारे में अभी दर्शक स्पष्ट राय कायम नहीं कर पाए हैं। हर
कोई भगवान को पूजता है, आप भी पूजते होंगे लेकिन क्या कभी आपका किसी सच्चे नास्घ्तिक
से पाला पड़ा है। जो लोग अपने आपको नास्तिक समझते हैं दरअसल वे भी कहीं ना कहीं
भगवान का डर मन में लिए रहते हैं। लेकिन हम आज आपको एक सच्चे नास्तिक से
मिलवाएंगे।
आप समझ ही गए होंगे
हम परेश रावल की फिल्म ‘ओह माई गॉड’ की बात कर रहे हैं। फिल्म के बारे में काफी
चर्चा थी कि ये भगवान विरोधी है, ये कॉमेडी फिल्म है, इसमें भगवान मॉडर्न
है और भी ना जाने क्या-क्या बातचीत की गई। तो चलिए हम आपको बताते हैं आखिर ‘ओह माई गॉड’ है किस मर्ज की दवा।
निर्माता - अक्षय
कुमार, अश्विनी
यार्डी, परेश रावल
निर्देशक - उमेश
शुक्ला
संगीत - हिमेश
रेशमिया, अंजान-मीत
ब्रदर्स, सचिन-जिगर
कलाकार - अक्षय
कुमार, परेश रावल, मिथुन चक्रवर्ती, महेश मांजरेकर, गोविंद नामदेव, सोनाक्षी
सिन्हा-प्रभुदेवा (आइटम नंबर)
कानी लालजी मेहता
(परेश रावल) नास्तिक इंसान है लेकिन वह चोर बाजार में मूर्तियां बेचने का काम
सालों से कर रहा है। कानी को भगवान के किसी काम में दिलचस्पी नहीं है। एक भूंकप के
कारण उसकी पूरी दुकान टूट जाती है और सारी मूर्तियां उस मलबे में दब जाती हैं।
गॉड आफ एक्ट के तहत
उसे कोई मुआवजा नहीं मिलता है। कानी को कोई रास्ता नहीं सूझता तो वह अपने नुकसान
के लिए गॉड के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करता है। कानी लाल को उसका मुआवजाघ्घ्
मिला या नहीं, इसके लिए
तो आपको फिल्म देखनी होगी लेकिन कोर्ट में कानी की दलीलें और धर्म गुरूओं की सच्चाई
को फिल्म की कहानी को बेहतरीन तरीके से पिरोया गया है।
परेश रावल का अभिनय
काबिले तारीफ है। परेश ने साबित कर दिया है कि वह किसी भी रोल को संजीदगी से निभा
सकते हैं। अक्षय कुमार कैमियो रोल में दिखाई पड़े लेकिन एक मॉडर्न भगवान के अवतार
में अपने स्टंट दिखाने से बाज नहीं आए। मिथुन चक्रवर्ती ने एक मठाधीश की भूमिका को
बेहतरीन तरीके से निभाया है। मिथुन दा घ्कि अदाएं लोगों का काफी मनोरंजन करेंगी।
महेश मांजरेकर की सिगनेचर लाइन आपको याद रह सकती है श्रिलैक्स-रिलैक्सश्।
फिल्म एक गुजराती
नाटक पर आधारित है लेकिन निर्देशक उमेश शुक्ला ने फिल्म में नाटक के तत्व हावी
नहीं होने दिए हैं। फिल्म अपनी थीम पर शुरू से आखिर तक टिकी रही। हालांकि फिल्म के
फर्स्ट हाफ से ज्यादा सेंकेंड हाफ मजेदार, दिलचस्प और बांधे रखने वाला है। फिल्म
बीच-बीच में कॉमेडी का पुट भी लिए हुए है, जो दर्शकों को हंसाता भी है। फिल्म में कुछ
छोटी-मोटी कमियां जैसे भगवान का सबको एक नॉर्मल इंसान की तरह दिखाई देना, मीडिया के
विज्ञापनों को बार-बार बिना वजह दिखाना भी नजर आती हैं, लेकिन कुल मिलाकर
उमेश आपको बांधे रखने में कामयाब होंगे।
सोनाक्षी सिन्हा का
आइटम नंबर श्गो गो गो गोविंदाश् फिल्म में सटीक बैठता है। इसके अलावा भी संगीत का
फिल्म की कहानी से अच्छा तालमेल है और वह बोर नहीं करता।
कानी लालजी मेहता
की भगवान के खिलाफ दिलचस्प दलीलें, धर्मगुरूओं और मठाधीशों से कोर्ट की चलने
वाली बहस के बीच एक लॉजिकल मैसेज के लिए आप फिल्म देख सकते हैं। यह एक अच्छी और
पारिवारिक फिल्म है। यदि आपको ग्लैमरस या फिर एक्घ्शन से भरपूर फिल्में पसंद हैं
और सीधी-सादी कॉमेडी नापसंद तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।
परेश रावल और अक्षय
कुमार एक बार फिर रूपहले पर्दे पर नज़र आ रहे हैं। इन दोनों की केमिस्ट्री हमेशा से
पर्दे पर पसंद की जाती रही है। सितारे कहते हैं कि श्ओह माई गॉडश् में भी परेश और
अक्षय दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब होंगे। अंक ज्योतिष के अनुसार परेश का
मूलांक तीन है और अक्षय का 9 मूलांक है। इन दोनों मूलांक वालों के बीच
अच्छी दोस्ती होती है। यही वजह है कि दोनों ने मिलकर साझेदारी में फिल्म बनाने का
फैसला किया। इन दोनों स्टार्स का भाग्यांक 5 है जो इस वर्ष के हिसाब से इनके लिए लकी
है। श्ओह माई गॉडश् का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन संतोषजनक रहेगा। रवि योग में फिल्म का
रिलीज होना भी फिल्म की कामयाबी के लिए शुभ है।
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