जीसेट 10 ने भरी उड़ान
(पूनम अग्रवाल)
फ्रेंच गुयना
(साई)। भारत का अत्याधुनिक संचार उपग्रह जी सेट-१० आज तड़के फ्रेंच गुयाना के
यूरोपीय अंतरिक्ष केन्द्र से अरियान-५ रॉकेट से सफलतापूर्वक छोड़ा गया। इस उपग्रह
के नवम्बर से सक्रिय होने की संभावना है और यह पन्द्रह वर्ष तक काम करता रहेगा।
इससे दूरसंचार, डीटीएच और
रेडियो नेवीगेशन सेवाओं का विस्तार होगा।
इस उपग्रह की
खासियत यह है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा निर्मित तीन हजार चार सौ
किलोग्राम वजन का यह अब तक का सबसे भारी उपग्रह है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
संगठन का १०१ वां रॉकेट प्रक्षेपण था। इनसैट और जी सैट उपग्रहों की श्रृंखला में मई
२०११ में छोड़े गए उपग्रह जी सैट-८ के बाद गगन पेलोड प्रणाली वाला यह दूसरा उपग्रह
है।
भारत सरकार की ओर
से इस महत्वपूर्ण अवसर पर इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन प्रक्षेपण के समय
कर्नाटक में हासन स्थित मुख्य नियंत्रण केन्द्र में मौजूद थे। उपग्रह छोड़े जाने के
कुछ मिनट बाद उन्होंने कहा कि मुख्य नियंत्रण केन्द्र का उपग्रह से सम्पर्क
स्थापित हो गया है।
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