नही थम रहीं साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कम्पनीज़ के खिलाफ निवेशकों की शिकायत
महिला निवेशक ने की लिखित शिकायत
(पीयूष भार्गव)
सिवनी (साई)। साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कम्पनीज के द्वारा किये जा रहे कारनामंे थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। स्थिति तो अब यह बन गई है कि आये दिन पुलिस प्रशासन व जिला कलेक्टर से निवेशकों द्वारा इस कम्पनी द्वारा किये जा रहे अवैध व्यापार की जांच की मांग की जाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की जा रही है।
कलेक्टोरेट के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बाताया कि चुनाव के चलते इस कंपनी की जांच को जिला कलेक्टर भरत यादव ने थोड़ा ढील देकर रखा था किन्तु अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ग्वालियर एवं इंदौर संभाग मे इस कंपनी के खिलाफ हुई कठोर कार्यवाही को संज्ञान मंे लेते हुए श्री यादव एक-दो दिन में ही इस कंपनी के कर्णधारों के खिलाफ गंभीर आदेश जारी कर सकते हैं।
ज्ञातव्य है कि विगत माह फरवरी में सैकड़ों लोगों ने जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर से अपने जमा रूपये वापस दिलाने की मांग की थी जिसकी जांच भी हुई है। उक्त लिखित शिकायत में शिकायतकर्ता कालका प्रसाद बघेल ने अभिनव रघुवंशी उर्फ पप्पू ब्रांच मैनेजर सिवनी के खिलाफ राशि गबन करने तक का आरोप लगाया है, यह जांच तो चल ही रही है।
इसके अलावा भी कई निवेशकों में से एक अन्य महिला आवेदक ने इस कंपनी पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए सात अपै्रल को जिला कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत में बताया है कि साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा सिवनी जिले मंे विगत छः वर्षों से करोड़ों रूपयों का व्यवसाय केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से दलालों के द्वारा करवाया गया है, और हाल ही मे पता चला है कि इस कंपनी ने पूर्व में जिन योजनाओं के तहत एफ.डी. व आर.डी. निवेशकों से जमा करवाई थी अब उस राशि को निवेशकों को बताये बगैर साई प्रसाद कॉर्पाेरेशन एवं सोसायटी में ट्रान्सफर किया जा रहा है।
वहीं निवेशकों को दिये गये सर्टिफिकेट दलालों द्वारा वापस मांगे जा रहे हैं एवं पुनः नये सर्टिफिकेट जारी होंगे, जैसी बातचीत की जा रही है। उक्त कंपनी द्वारा छः व साढे़ छः साल में उनके द्वारा जमा रूपयों का तीन गुना व उससे ज्यादा राशि वापसी की पालिसी प्रदान की गई है, जिसे प्रस्तुत भी किया गया है।
यह आरोप भी लगाया गया है कि यह संस्था पूर्ण रूप से बैंकिंग कार्य कर रही है। अब निवेशकों को उनके रूपयों की वापसी खतरे में लग रही है। उल्लेखनीय होगा कि शिकायतकर्ताओं द्वारा, उनके जमा रूपयों को वापस दिलाने की कार्यवाही कर, बगैर प्रशासनिक अनुमति के करोड़ों का व्यापार करवाने वाले कंपनी के अधिकारियों अभिनव रघुवंशी उर्फ पप्पू सिवनी मैनेजर, के.एस.मिश्रा रीज़नल मैनेजर जबलपुर एवं राजेश मिश्रा जेड.एम.भोपाल के विरूद्ध कार्यवाही कर इस व्यवसाय को बंद कराकर जिले के लोगों को लुटने से बचाने की मांग भी की गई है।
जिला कलेक्टर को दिये गये उक्त कंपनी के दस्तावेजों से यही बात साबित होती है कि यह कम्पनी साढे छः साल में ही जमा रूपयों को तीन गुना कर देती है, जो कि जांच का एक गंभीर विषय है। यही नहीं कंपनी द्वारा पूरा लेनदेन बैंकिंग कार्य पद्धति की तर्ज पर किया जाता है। इसके पुख्ता प्रमाण भी (जैसे नगद जमा पावती व रसीद) शिकायतकर्ताओं के द्वारा जिला कलेक्टर एवं अखबारों को दिए गए हैं।
बगैर आर.बी.आई. की अनुमति के कोई भी संस्था या कंपनी एफ.डी. व आर.डी. का व्यवसाय नही कर सकती है, यदि किया जा रहा है तो वह अवैध है जिसकी जांच किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
पंकज शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता.
यदि ऐसा व्यवसाय साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज द्वारा किया जा रहा है तो विधिवत प्रत्येक छः माह या वर्ष में कम से कम एक बार प्रशासन द्वारा जमा लेनदेन पर ऑडिट जरूरी है, जो की कंपनी नहीं कर रही होगी तो यह गंभीर जांच का विषय है।
वीरेन्द्र सोनकेशरिया, वरिष्ठ अधिवक्ता.
मैंने साई प्रसाद ग्रुप ऑफ कंपनीज के कार्यालय जाकर जिला कलेक्टर के आदेशानुसार जांच कर फाईल उन्हें सौंप दी है।
के.सी.परते, एसडीएम सिवनी.
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