मंगलवार, 1 जनवरी 2013



रेप पर मौन चिदम्बरम, तिवारी आए प्रेस के सामने

सब्सीडी का सीधा हस्तांतरण 20 जिलों में

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। सरकार, विभिन्न कल्याण कार्यक्रमों के लाभार्थियों के खाते में सीधे नकदी हस्तांतरण की योजना आज से बीस जिलों में शुरू कर रही है। ग्यारह और जिलों में पहली फरवरी से और १२ जिलों में पहली मार्च से यह योजना लागू की जायेगी। वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम  ने कल नई दिल्ली में सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी के साथ संवाददाता सम्मेलन में बताया कि शुरू में सात योजनाओं के लिए राशि सीधे लाभार्थियों के खाते में डाली जायेगी।
उन्होंने बताया कि पहली जनवरी से सात योजनाओं की राशि लाभार्थियों के खातों में डाली जाएगी। इसमें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए मैट्रिक पूर्व छात्रवृत्ति, इंदिरा गांधी मातृत्व सहायता योजना, धनलक्ष्मी योजना तथा अनुसूचित जाति और जनजाति के विद्यार्थियों के व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए परीक्षा तैयारी और मार्गदर्शन के वास्ते स्टाइपैंड राशि शामिल है।
एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सभी खातों में राशि जमा करने और निकालने की सुविधा होगी, चाहे वे खाते आधार कार्ड से जुड़े हों या नहीं। उन्होंने बताया कि पहले कुछ जि$लों में सुचारू रुप से लागू करने के बाद इस योजना को इसी वर्ष देश के अन्य भागों में भी लागू कर दिया जायेगा।  एक और प्रश्न के उत्तर में श्री चिदम्बरम ने स्पष्ट किया कि अनाज, खाद, डीजल और केरोसीन की सब्सिडी इस योजना में शामिल नहीं है। श्री मनीष तिवारी ने कहा कि इस योजना से लगभग दो लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा।
पहले चरण में ४३ जिलों को नामजद किया गया है। ये ४३ जिले १६ प्रदेशों में हैं और एक जनवरी २०१३ से लेकर १ मार्च २०१३ तक, जो इस कार्यक्रम का पहला चरण है, कोशिश यह है कि जो २६ स्कीमें निर्धारित की गई हैं जैसे-जैसे उनकी तिथि आती जाएगी, वैसे-वैसे उनका जो लाभ है वो बेनिफिशरीज तक पहुंचाया जाए। इस योजना का उद्देश्य नकद राशि के भुगतान में देरी और हेराफेरी पर रोक लगाना है।
ज्ञातव्य है कि आधी-अधूरी तैयारियों के बावजूद सरकार ने आज 1 जनवरी से देश के केवल 20 जिलों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम लॉन्च कर दिया है। पहले इसे 51 जिलों में इसे शुरू करने का प्लान था। स्कीम के पहले फेज़ में देश के 20 जिलों में 2 लाख लोगों के बैंक खाते में डायरेक्ट कैश ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद 1 फरवरी से 11 और जिलों को इस स्कीम के दायरे में लाया जाएगा। बाकी के 12 जिले 1 मार्च से कवर किए जाएंगे।
उन्होंने आगे कहा, कि सभी 26 स्कीम रोलआउट के लिए तैयार हैं। 1 जनवरी को जिन सात स्कीम्स में भुगतान (सेलेक्टेड 20 जिलों के) करना बाकी है, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर सिस्टम के जरिए वहां पेमेंट कर दिया जाएगा। इसके लिए यूआईडीएआई प्लैटफॉर्म का इस्तेमाल होगा। 1 जनवरी से जिन सात स्कीम्स को भुगतान के तैयार किया गया है, उनमें एससी, एसटी और ओबीसी के लिए प्री और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप, इंदिरा गांधी मातृत्व सहायता योजना, धनलक्ष्मी स्कीम और एससी-एसटी बेरोजगारों के लिए स्टाइपेंड शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि लाभार्थियों के पास आधार नंबर न होने पर भी उनके बैंक खातों में सब्सिडी भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा, श्अगले कुछ दिनों या हफ्तों में हमारा मकसद 100 फीसदी आधार लाभार्थियों तक पहुंचना है।श् सरकार विदड्रॉल अरेंजमेंट को मजबूत बनाने के लिए बैंकिंग सिस्टम को भी तैयार कर रही है। चिदंबरम ने बताया कि इन 43 जिलों की 7,900 बैंक ब्रांचेज़ में ऑनसाइट एटीएम होंगे। बैंकों ने 20 लाख इंटर-ऑपरेबल माइक्रो-एटीएम के टेंडर भी मंगाए हैं। इनमें बायोमीट्रिक स्कैनिंग और आधार अथॉन्टिकेशन के लिए फसिलिटीज़ होंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि शुरुआत में इस स्कीम को चलाने में कुछ तकनीक दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन जो अधिकारी इसकी देख-रेख में लगे हुए हैं, वे धीरे-धीरे इन्हें दुरुस्त कर लेंगे।

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