शराब के पैसे से
विधायक बनने की चाह!
(संजीव प्रताप सिंह)
सिवनी (साई)। सिवनी
में अप्रेल माह में लगातार दो एसी घटनाएं घटीं जिन्होंने मानवता को शर्मसार कर
दिया। एक सिवनी की गुड़िया के साथ और दूसरी एक बछिया के साथ दुष्कर्म की। दोनों ही
घटनाएं घंसौर और धनोरा क्षेत्र में घटित हुई हैं। इस तरह की वहशियाना हरकतों के
पीछे शराब को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
ज्ञातव्य है कि
इंसान से हैवान बनाने वाली शराब ही होती है। शराब वह चीज है जो महज चंद मिनिट में
ही आदमी को शैतान बना देती है। शराब पीने के उपरांत व्यक्ति का अपने दिमाग पर काबू
नहीं रह पाता है। शराब के दाम कितने भी बढ़ा दिए जों पर अवैध रूप से बिकने वाली
शराब आज भी ठेके से सस्ती ही मिल रही है।
लखनादौन, घंसौर और धनोरा
क्षेत्र में आबकारी और पुलिस विभाग की मिली भगत से अवैध शराब का कारोबार फल फूल
रहा है। शराब आसवानियों से अवैध रूप से निकलने वाली शराब कम कीमत पर मिल जाया करती
है क्योंकि इस पर आबकारी और वेट शुल्क का प्रावधान ही नहीं होता है।
बताया जाता है कि
क्षेत्र के एक युवा और उर्जावान नेता के इशारों पर लखनादौन, घंसौर और धनोरा
क्षेत्र में शराब का व्यवसाय किया जा रहा है। चंद सिक्कों की खनक के बूते सिवनी
में मीडिया को अपने कब्जे में करने का दावा करने वाले उक्त नेता द्वारा यूं तो
जिले के वरिष्ठ नेताओं, पत्रकारों और गणमान्य लोगों के सबके सामने पैर पड़े जाते हैं
पर पीठ फिरते ही उनको अश्लील गालियां देने से गुरेज नहीं करते हैं ये उर्जावान
नेता।
पैसों के दम पर
दिल्ली सिवनी की दूरी को चंद मिनिटों में तय करने वाले उर्जावान नेता द्वारा कभी
कांग्रेस तो कभी भाजपा के दलाल नुमा नेताओं को साधकर अपनी पहुंच कांग्रेस और भाजपा
दरबार में बनाने की जुगत लगाई जाती है। कभी कांग्रेस के नेताओं के जरिए राहुल
गांधी की दरबार तो कभी भाजपा की सीढ़ी के सहारे तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गड़करी की
देहरी चूमने का असफल प्रयास उक्त नेता द्वारा लंबे समय तक किया गया है।
कहा जा रहा है कि
उक्त उर्जावान नेता के संरक्षण में ही लखनादौन, घंसौर और धनोरा
क्षेत्र में अवैध शराब की बिकावली चरम पर है। अवैध शराब चूंकि सस्ती होती है अतः
इसे ज्यादा मात्रा में पीकर लोग अपने होश खो बैठते हैं, और घंसौर में सिवनी
की गुडिया अथवा धनोरा में पशु के साथ अमानवीय घटनाओं को अंजाम दे दिया जाता है।
आरोपित है कि सिवनी
जिले के शराब ठेकेदारों द्वारा भी ऑफ द रिकार्ड मीडिया को अक्सर विदेशी मदिरा की
वो बोतलें दिखाई जाती हैं जो लखनादौन, घंसौर, धनोरा, धूमा, आदेगांव क्षेत्र में बिक रही हैं। इन बोतलों
पर साफ लिखा होताा है कि फार सेल इन दमन एण्ड द्वीव ओनली। अर्थात वह शराब दमन और
द्वीव में बेचने के लिए ही है।
चूंकि दमन और द्वीव
में किसी भी प्रकार का कर पर्यटन विकास की दृष्टि से शराब पर नहीं लगाया गया है
अतः वहां शराब सस्ती होती है। इस बिना कर वाली सस्ती शराब को सिवनी लाकर शराब के
कथित ठेकेदारों द्वारा अवैध रूप से बेचकर मुनाफा कमाया जा रहा है।
एक शराब ठेकेदार ने
नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि दवा खरीदते समय
तो उपभोक्ता द्वारा बाकयदा कीमत, मेनीफेक्चरिंग, एक्सपाईरी आदि देखी
जाती है पर रात के अंधेरे में शराब खरीदने और उसे वापरने के समय शराब की बोतल पर
कहां की बनी कहां बिकेगी, कितनी कीमत आदि देखना वह मुनासिब नहीं समझता है।
चूंकि भारत के सभ्य
समाज में शराब को आज भी अच्छी नजरों से नहीं देखा जाता है अतः शराब के ठेके पर
जाकर शराब क्रय कर उपभोक्ता बिना हुज्जत वहां से भागने में ही भलाई समझता है। यही
कारण है कि सिवनी में आबकारी विभाग और पुलिस की सांठगांठ से शासन के राजस्व को
क्षति पहुंचाकर कथित ठेकेदार द्वारा सिवनी जिले में जहर खुलेआम बेचा जा रहा है।
कहा तो यहां तक भी जा रहा है कि इस जहर को बेचकर संचित धन का उपयोग जल्द ही
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में उक्त ठेकेदार द्वारा अपनी
उम्मीदवारी को किसी राजनैतिक दल से संबद्ध करने नहीं मिलने पर निर्दलीय रूप में ही
मैदान में ताल ठोंककर मतदाताओं को रिझाने के लिए किया जाने वाला है। अब देखना यह
है कि शराब के पैसों से विधायक बनने का सपना मन में संजोए उक्त कथित ठेकेदार का यह
हलाल या हराम का पैसा हिन्दु, मुस्लिम, सिख्ख, ईसाई सहित सारे धर्म के लोग स्वीकार कर पाएंगे या फिर
. . .।
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