सूर्यनारायण के कड़े
तेवरों ने झुलसाया देश को
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली सहित समूचा देश भगवान भास्कर की तपन से बुरी तरह
जल रही है। देश भर में लू के थपेड़े लोगों का जीना मुहाल किए हुए हैं। अनेक स्थानों
में तापमान चवालीस डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक है। देश के अनेक हिस्सों में रात में
भी तापमान में आंशिक गिरावट ही दर्ज की जा रही है। सुबह सवेरे भी तापमान अठतीस
डिग्री सेंटीग्रेट से उपर दर्ज किया जा रहा है।
मौसम विभाग के
सूत्रों ने बताया कि इस समय मानसून अंडमान और निकोबार द्वीप तक पहुंच चुका है और
वहां बारिश हो रही है। मानसून के पहली जून तक केरल के तट पर पहुंचने की उम्मीद है।
अधिकारी ने बताया कि मानसून के लिए इस समय उत्तरी भारत में सकारात्मक माहौल है
इसलिए पटना में मानसून के करीब 15 जून के आसपास पहुंचने की संभावना है।
सूत्रों ने आगे कहा
कि उसके बाद यह धीरे धीरे यूपी होता हुआ 29 जून को दिल्ली पहुंचेगा। उधर, कृषि वैज्ञानिकों
का कहना है कि मानसून से धान, कपास, सोयाबीन और मक्का जैसी खरीफ फसलों के लिए
बेहद फायदा होगा, क्योंकि
देश में करीब 60 प्रतिशत
कृषि भूमि वर्षा जल सिंचित है।
इधर, दिल्ली में भी
गर्मी के रिकार्ड टूटने लगे हैं। पिछले दिनों जहां दिल्ली में सामान्य तापमान 44 रहा वहीं दिल्ली
के पालम हवाई अड्डे के पास तापमान ने 45.2 डिग्री के रिकार्ड को तोड़ दिया। दिल्ली में
आज भी पारा चढ़ा हुआ है और माना जा रहा है कि दिन के तीन बजे तापमान 44 से 45 डिग्री के बीच
रहेगा। वहीं इस भीषण गर्मी के चलते कई लोग सन स्टोक का शिकार हो गए हैं जिससे
दिल्ली में कम से कम 100 लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं।
मौसम विभाग का कहना
है कि आने वाले दिनों में पारे में और बढ़ोतरी होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 25 मई दिल्ली का सबसे
गर्म दिन रहा। राजधानी में सबसे अधिक तापमान पालम में रिकार्ड किया गया जहां
तापमान 45.2 डि.से.
दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार हवाओं का पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान
तथा इसके आसपास बना हुआ है।
उधर, दो दिनों के दौरान
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और
मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में गर्म हवाएं चलेंगी। इससे एक से दो डि.से. तक तापमान
में बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर पश्चिमी हवाएं थार के
मरुस्थल से होकर गुजरकर उत्तरी भारत तक पहुंच रही हैं। तीन दिनों तक गर्मी और
बढ़ेगी। राजस्थान, उत्तर
प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, बिहार सहित पूरा
उत्तर भारत लू एवं तेज धूप की चपेट में है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों
में राहत की कोई उम्मीद नहीं है।
उत्तर प्रदेश से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने लखनउ से बताया कि उत्तर
प्रदेश में भीषण गर्मी और लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर रखा है। उत्तर प्रदेश
मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अगले कुछ दिनों में मौसम
में बदलाव के आसार नहीं हैं। पछुआ हवाओं के कारण लू के थपेड़े चल रहे हैं। उन्होंने
कहा कि लू का दौर अभी कुछ दिनों तक ऐसे ही जारी रहेगा।
साई ब्यूरो के
अनुसार सूर्य नारायण के इन तेवरों से पर्यटन उद्योग प्रभावित हुए बिना नहीं है।
गर्मी की मार से पूरा प्रदेश तप रहा है। इस तपन ने प्रदेश पर्यटन को पूरी तरह ठंडा
कर दिया है। यूपी की तपिश ने पर्यटकों को यहां से दूर ही रखा, जिस कारण यहां भीषण
गर्मी में पर्यटन उद्योग ठंडा पड़ गया है। आगरा का ताजमहल हो या देवभूमि काशी व
मथुरा हो, यह हमेशा
से ही पर्यटकों व श्रद्घालुओं की आस्था का प्रतीक रहा है।
यही कारण है कि
उत्तर प्रदेश पर्यटन से हिल स्टेशन छिन जाने के बाद भी यहां पर्यटकों की सं या में
कोई खास कमी नहीं आयी लेकिन गर्मी से स त तेवर से सैलानी यहां आने की हि मत नहीं
जुटा पा रहे हैं। उत्तरांचल राज्य का गठन हो जाने के बाद प्रदेश पर्यटन के पास जो
हिल स्टेशन आदि थे वह छिन गये, बावजूद इसके विश्व के सात अजूबों में शामिल
आगरा को देखने की ललक देशी ही नहीं विदेशी सैलानियों को भी यहां खींच लाती है।
लेकिन गर्मी के चलते इस नायाब खूबसूरती को देखने पर्यटन कम ही आ सके और बढ़ती गर्मी
ने प्रदेश पर्यटन के व्यवसाय को ठंडा कर दिया।
आगरा के साथ ही
वाराणसी नगरी जो कि पर्यटकों विदेशी पर्यटकों को भी खासी भाती है वहां भी पर्यटकों
की संख्या कम ही रही। लगभग यही हाल सारनाथ व इलाहाबाद आदि शहरों का भी है। साल दर
साल पर्यटकों की घटती सं या प्रदेश पर्यटन के घाटे का कारण बनती जा रही है और इस
घाटे से उबरने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।
इस बारे में
अधिकारियों का तो यही कहना है कि गर्मी के अलावा अन्य मौसम में यहां पर्यटक आते
हैं लेकिन विभागीय आंकड़े यहीं बताते हैं कि प्रदेश पर्यटन से सैलानियों की
दिलचस्पी कम हो रही है। वहीं पिछले कुछ सालों में ट्रेेवैल एजेन्सी के माध्यम से
सैर करने वाले पर्यटकों की सं या में तेजी से इजाफा हुआ है। कारण यह है कि लोगों
के पास समय कम है कि वह जाने से पहले ठहरने व साइट सीन आदि की जानकारी ले सके, दूसरे पर्यटन विभाग
के सरकारी तंत्र के ज्यादा लोगों को प्राइवेट सुविधाओं आदि पर भरोसा है।
हरियाणा में गर्मी
ने हाल बेहाल कर रखा है। चंडीगढ़ से साई संवाददाता अनेशा वर्मा के अनुसार प्रदेश इन
दिनों भयंकर लू की चपेट में है। गुडग़ांव, फरीदाबाद, पानीपत, हिसार, जींद व सिरसा में
गर्मी ने पिछले 10 साल का
रेकॉर्ड तोड़ दिया है। गुडग़ांव में शुक्रवार को अधिकतम तापमान पुराने रेकॉर्ड तोड़ते
हुए 44.7 डिग्री
पहुंच गया।
इससे पहले मई में
तापमान कभी 44 डिग्री से
अधिक नहीं गया था। मौसम विभाग के अनुसार, गर्मी से राहत मिलने की संभावना नहीं है।
अगले 2 दिनों तक
तापमान इसी तरह बना रहेगा। पूर्वानुमान के मुताबिक, शनिवार को तापमान 44 डिग्री तक रहने की
संभावना है। गर्म हवाओं की वजह से शहर की सड़के सूनी दिखीं।
वहीं पानीपत से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो अमित कौशल ने बताया कि पानीपत में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस
को पार कर गया। करीब 25 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही गर्म हवाओं से
जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित है। मौसम विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार अभी तापमान
के और बढऩे की संभावना है। शुक्रवार का दिन इस मौसम का अब तक का सबसे गर्म दिन
रहा। अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 31 डिग्री सेल्सियस
रहा।
जींद से सांई
ब्यूरो कामेश भार्गव ने बताया कि जींद में भी अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस
रिकॉर्ड किया गया। न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहा। सिरसा में अधिकतम
तापमान 45 डिग्री
सेल्सियस रहा। इस कारण कई इलाकों में दोपहर को कर्फ्यू जैसी स्थिति दिखाई दी। सुबह
से ही तन झुलसाने वाली गर्म हवाएं चलने लगीं।
गर्मी का आलम यह
रहा कि पंखे और कूलर भी काम न आए। बाहर निकलते ही शरीर पसीना-पसीना हो
गया।ज्यादातर लोग घरों में कैद रहे, जो जरूरी काम से घर से निकले भी तो शरीर को
पूरी तरह ढककर। कपड़ों से लैस होने के बाद भी धूप की तेजी बर्दाश्त न हुई।अपरांह तक
यही हाल रहा।शाम को सूरज ढलने के बाद लोग घरों से निकले।
चिकित्सकों ने सलाह
दी है कि गर्मी में शरीर में पानी की मात्रा कम न होने दें। इसलिए दिन में कम से
कम 15 से 20 गिलास पानी अवश्य
पिएं। घर से बाहर जाते समय पानी की बोतल हमेशा साथ रखें। गर्मी को ध्यान में रख
हल्का भोजन करें।बाहर का खाना और तली भुनी चीजों खाने से बचें।रेहडिय़ों पर बिकने
वाले खाद्य पदार्थ खाने से बचें।बासी भोजन न खाएं। खाने में फलों, पेयजल व हरी
सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं।
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