शनिवार, 17 नवंबर 2012

सीबीएसई उवाच: मांसाहारी होते अपराधी!


सीबीएसई उवाच: मांसाहारी होते अपराधी!

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। सीबीएसई (केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) की एक किताब ने विवाद पैदा कर दिया है। इसमें कथित रूप से बताया गया है कि मांसाहारी लोग कई तरह के अपराध करते हैं। सरकार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इस तरह की सामग्री के प्रति सतर्क रहने और इनकी निगरानी करने को कहा है। 
क्लास 6 की एक किताब का टाइटल ‘न्यू हेल्थवे हेल्थ, हाइजीन, फिजियॉलजी, सेफ्टी, सेक्स एजुकेशन, गेम्स और एक्सर्साइजश् है। इसमें कथित रूप से लिखा गया है कि मांसाहारी लोग आसानी से धोखा देते हैं, झूठ बोलते हैं, वादे भूल जाते हैं, बेईमान होते हैं, बुरी बात बोलते हैं, चोरी करते हैं, झगड़ते हैं, हिंसक हो जाते हैं और सेक्स क्राइम करते हैं। 
मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने इस किताब के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, कि समुदायों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखना होगा। मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कभी-कभार ऐसा होता है, लेकिन मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि प्रशासनिक निकाय को हमेशा चौकस रहना चाहिए, जैसे एनसीईआरटी चौकस रहती है और सामग्री पर नजर रखें। इस मंत्रालय से हम यही सलाह दे सकते हैं।श्
दूसरी ओर सीबीएसई ने कहा कि वह क्लास 9 और उससे ऊपर के लिए किताबें तय करते हैं और बाकी क्लास में कौन सी किताबें पढ़ाई जाएंगी, इसका फैसला स्कूलों को करना होता है।  इससे पहले तमिलनाडु में नाडर समुदाय के बारे में सीबीएसई की किताब में आपत्तिजनक संदर्भ को लेकर एनसीईआरटी से मंत्रालय ने एक रिपोर्ट देने को कहा।

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