आखिर चाहती क्या हैं देश की पहली महिला महामहिम!
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। भले ही देश की पहली महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का कार्यकाल बिना किसी चर्चा के गुजर गया हो पर जब उनकी सेवानिवृति की डुगडुगी बज उसके बाद से वे चर्चाओं का केंद्र बन गईं। कभी बीस लारी सामान अपने साथ ले जाने की बात आई तो कभी विदेश दौरों पर देश की जनता के धन के अपव्यय का मामला, तो कभी पुणे में उनके आवास का मसला। अब प्रतिभा देवी को एक बड़ा आशियाना चाहिए।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल रिटायरमेंट के बाद दो हजार वर्ग फीट में बनने वाले बंगले से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने सरकार से कहा है कि उनके लिए यह बंगला छोटा रहेगा, इसलिए उन्हें इससे डबल से भी ज्यादा यानी लगभग साढ़े चार हजार वर्ग फीट के साइज के बंगले की जरूरत है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने इसकी वजह यह बताई है कि उनके परिवार के सदस्यों की संख्या ज्यादा है। इस वक्त उनके साथ उनके पति देवी सिंह पाटिल के अलावा बेटा और बहू व बेटी और दामाद भी रहते हैं। छोटे बंगले में उनका परिवार नहीं रह पाएगा। गृह मंत्रालय ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया है और शहरी विकास मंत्रालय से इस दिशा में कदम उठाने के लिए कहा है।
वहीं शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब बहू बेटा बड़े और बालिग और अपने पैरों पर खड़े हैं तो उन्हें अपने हिसाब से निजी तौर पर बंग्ला बनाकर अपने माता पिता को रखना चाहिए। यह तो देश की जनता के पैसों का खासा अपव्यय है कि देश की पहली महिला महामहिम राष्ट्रपति अपने साथ ही साथ अपने बालिग और खुद कमाने वाले बेटों के लिए भी सरकारी खर्च पर रहने की व्यवस्थाएं जुटाएं।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के लिए जिस बंगले की बात की जा रही है, वह महाराष्ट्र के पुणे में बनाया जाना है। पुणे में उनके लिए बनने वाले बंगले को लेकर पहले भी विवाद शुरू हो गया था जिसकी वजह से शहरी विकास मंत्रालय को उस जगह को छोड़कर उनके बंगले के लिए नई जगह खोजनी पड़ी। बाद में महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग के एक बंगले का चयन किया गया और तय किया गया कि इस बंगले को पूर्व राष्ट्रपति के लिए तैयार किया जाए। यह बंगला दो हजार वर्ग फीट का है, लेकिन उनका कहना है कि इसका एरिया ढाई हजार वर्ग फीट और बढ़ाया जाए। इसी मसले को लेकर पिछले कई दिनों से शहरी विकास मंत्रालय और गृह मंत्रालय माथापच्ची कर रहे थे और अब अंततः गृह मंत्रालय ने हरी झंडी दिखाई है।
सूत्रों ने आगे बताया कि चूंकि पुणे का यह बंगला अभी तैयार नहीं है, इसलिए फिलहाल प्रतिभा पाटिल दिल्ली में ही एक टाइप 8 के बंगले में रह रही हैं। राष्ट्रपति पेंशन नियम 1962 के तहत राष्ट्रपति को रिटायरमेंट के बाद कैबिनेट मंत्री के दर्जे के बराबर का टाइप 8 का बंगला दिए जाने का प्रावधान है। पूर्व राष्ट्रपति को यह छूट होती है कि वह देश में किसी भी जगह जाकर इस तरह का बंगला लेकर रह सकता है। दिल्ली में टाइप 8 के ज्यादातर बंगले लुटियंस जोन में ही हैं और इनका एरिया एक एकड़ से लेकर छह एकड़ तक है और एरिया ढाई हजार से लेकर 10 हजार वर्ग फीट का होता है।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जिस बंगले का पहले चयन किया गया था, वह महाराष्ट्र लोक निर्माण विभाग से लेकर तैयार किया जा रहा है और अब इस मामले में देखा जाएगा कि क्या उसी बंगले का विस्तार किया जा सकता है या फिर उसके लिए अलग से व्यवस्था करनी होगी। सीपीडब्ल्यूडी के सूत्रों का कहना है कि अभी पुणे के इस बंगले का काम शुरू नहीं हुआ है और इसे पूरा करने में छह महीने लग सकते हैं।
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