लो अब बजा दिया
ब्रिटिश अखबार ने घंटा
(धीरेंद्र
श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
भारत गणराज्य के सबसे ताकतवर पद प्रधानमंत्री की आसनी पर बैठे रीढ़ विहीन (सीधे कभी
चुनाव ना जीतकर राज्य सभा के रास्ते संसद पहुंचने वाले) प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन
सिंह के बारे में अब रूपहले पर्दे के एक चलचित्र का वाक्या जोड़ा जाने लगा है
जिसमें कलाकर पिटाई के दौरान कहता है कि क्या वह मंदिर का घंटा है जिसे चाहे जो आकर
बजा जाता है।
इसी तर्ज पर अब
टाईम पत्रिका के बाद देश पर डेढ़ सौ साल राज करने वाले ब्रिटेन के एक अखबार ने
अपशब्द कहे हैं। टाइम पत्रिका में भारत के प्रधानमंत्री को अंडर एचीवर कहने का
मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि एक अन्य ब्रिटिश अखबार ने मनमोहन सिंह के लिए
अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। ब्रिटिश अखबार श्द इन्डिपेन्डेन्टश् ने मनमोहन सिंह
को सोनिया गांधी का पालतू कहा है। हालांकि कुछ ही घंटे बाद अंग्रेजी अखबार के इस
वेबसाइट ने अपने शीर्षक से पालतू शब्द को हटाकर कठपुतली शब्द लिख दिया, और फिर तीसरी बार
अंडर एचीवर शब्द से संबोधित किया है।
इस ब्रिटिश अखबार
ने प्रधानमंत्री के विषय में मनमोहन सिंह: रक्षक या सोनिया का पालतू शीर्षक से
सोमवार को एक आलेख लिखा है। इस लेख में कहा गया है कि मनमोहन सिंह की समस्याओं में
से एक यह है कि उनके पास कोई वास्तविक राजनीतिक ताकत नहीं है, बल्कि उनकी
प्रधानमंत्री के रूप में मौजूदगी सोनिया गांधी के कारण बनी हुई है। इस कारण
कभी-कभी वह अपने कैबिनेट को भी नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। इस आलेख के प्रकाशन के
बाद भी रीढ़ विहीन मनमोहन सिंह आज भी मीडिया के सामने मुस्कुराते ही नजर आ रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें