शनिवार, 8 मार्च 2014

अब पर्स में पोर्टेबल शौचालय लेकर चल सकेंगी महिलाएं


(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। घूमने फिरने के दौरान, काम के सिलसिले में यात्रा के दौरान या फिर किसी दूसरे मौके पर जरूरत महसूस होने के बावजूद सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी और संक्रमण के डर से इनमें जाने से बचने वाली महिलाओं को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आसानी से बैग में रखा जाने वाला, एक पोर्टेबल शौचालय उनकी इस समस्या को दूर कर सकता है।
यह पोर्टेबल शौचालय पेश करने वाले ‘फर्स्ट स्टेप प्रोजेक्ट्स‘ के साझेदार दीप बजाज ने बताया ‘महिलाओं के लिए शौचालय भारत में एक तरह से बुरे सपने की तरह है। वहां सफाई नहीं होती, जिसके कारण संक्रामक बीमारियां होने का खतरा होता है। इसीलिए हमने ‘पी बडी‘ पेश किया है, जो भारत का पहला पोर्टेबल शौचालय है। इसे दूसरे सामानों की तरह आसानी से बैग में रखा जा सकता है।‘
‘पी बडी‘ को पिछले साल दिसंबर में पेश किया गया था और इसकी मदद से महिलाएं मॉल, हवाईअड्डों, अस्पतालों, राजमार्गों, रेलवे स्टेशनों तथा मेट्रो के सार्वजनिक शौचालयों आदि में खड़े हो कर अपनी ‘समस्या को हल‘ कर सकती हैं। वाटरप्रूफ कोटिंग वाले कागज से बना यह पोर्टेबल शौचालय कीप यानी फनल के आकार का है और मोड़ कर छोटे से पर्स में भी रखा जा सकता है। यह उत्पाद 5, 10 या 20 के पैक में विभिन्न पोर्टल जैसे स्नैपडील, हेल्थकार्ट और फर्स्ट क्राई में क्रमशरू 120, 200 और 350 रुपये में बेचा जा रहा है।
बजाज ने बताया कि यह शौचालय उन महिलाओं के लिए बेहद उपयोगी है, जिन्हें काम के सिलसिले में लंबी दूरी का सफर करना पड़ता है, जो महिलाएं अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं, जो गर्भवती हैं और जो महिलाएं गंदे सार्वजनिक शौचालय में नहीं जाना चाहतीं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक पेशाब रोके रखने की वजह से गुर्दे में समस्या होने की भी आशंका होती है। गंदे शौचालयों में जाने से पेशाब की नलिका (यूरिनरी ट्रैक्ट) में संक्रमण की आशंका भी होती है। एक बार संक्रमण होने पर लंबे समय तक इलाज कराना पड़ता है और एंटीबायोटिक दवाएं लेनी पड़ती हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: