रविवार, 24 जुलाई 2011

. . . मतलब विरोध केवल कमल नाथ का ही था


. . . मतलब विरोध केवल कमल नाथ का ही था

वर्तमान भूतल परिवहन मंत्री से शिवराज को नहीं कोई शिकायत

कमल नाथ द्वारा स्वीकृत सड़कें निरस्त करने पर भी मौन हैं शिवराज!

सी.पी.जोशी से कोई शिकायत नहीं शिवराज को

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। बतौर भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ ने मध्य प्रदेश की झोली में अनेकों सौगातें डाली थीं, बावजूद इसके सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश और दिल्ली यात्रा के दौरान अक्सर ही केंद्र द्वारा सड़कों के मामले में सौतेला व्यवहार करने के आरोप मढ़े जाते रहे हैं। अब जबकि भूतल परिवहन मंत्रालय के वर्तमान निजाम सी.पी.जोशी द्वारा कमल नाथ के द्वारा मध्य प्रदेश को दी गई सौगातें छीन ली गईं हैं तब मध्य प्रदेश सरकार खामोश है, जिससे लगने लगा है कि शिवराज सिंह चौहान को सूबे की सड़कों से ज्यादा कमल नाथ का विरोध करना आवश्यक था।

भूतल परिवहन मंत्री रहते हुए मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद कमल नाथ द्वारा प्रदेश की अनेक सड़कों को नेशनल हाईवे में तब्दील करवाया साथ ही साथ अनेक सड़कों के चौड़ीकरण, सिंगल लेन से टू लेन और फोर लेन की स्वीकृतियां प्रदान की थीं। भूतल परिवहन मंत्री के तौर पर उन्होंने मध्य प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने की कार्ययोजना सुनिश्चित की थी। इनमें से कुछ मार्गों पर काम आरंभ कर दिया गया था।

सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि बजट की कमी का हवाला देते हुए विभाग के नए निजाम सी.पी.जोशी ने कमल नाथ के कार्यकाल में स्वीकृत सड़क परियोजनाओं को रोक दिया है। अपने कार्यकाल मेें कमल नाथ ने वित्तीय वर्ष 2010 - 2011 में अंतर्राज्यीय सड़कों को जोड़ने की मद (आईएससी) में मध्य प्रदेश के लिए 11 राजमार्गों के लिए 137 करोड़ रूपयों की मंजूरी दी थी। इनमें से अनेक मार्ग अधिसूचित हो चुके हैं जिनके निर्माण के लिए प्रशासकीय और तकनीकि स्वीकृति (एएस और टीएस) भी जारी कर टेंडर प्रक्रिया पूरी की जाने के बाद निविदा को धनाभाव के चलते निरस्त करना पड़ा है।

मध्य प्रदेश का इस तरह स्वीकृत हक मारे जाने पर विपक्ष में बैठे भाजपा के सांसद तो मौन साधे हुए हैं किन्तु कांग्रेस के देवास के संसद सदस्य सज्जन सिंह वर्मा मानसून सत्र में अपने संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के तहत स्वीकृत सड़कों की दो मर्तबा निविदा स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य आरंभ न किए जाने का मामला उठाने की तैयारियां कर रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी सदा ही केंद्र के द्वारा सौतेला व्यवहार करने का गाना गाने वाले शिवराज सिंह चौहान का मौन इस ओर इशारा कर रहा है कि पूर्व में जब कमल नाथ भूतल परिवहन मंत्री थे तब उनका विरोध कर वे कमल नाथ पर दबाव बनाना चाहते थे।

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