सोमवार, 24 सितंबर 2012

बुंदेलखंड में गेहूं उगाकर फंसा किसान


बुंदेलखंड में गेहूं उगाकर फंसा किसान

(हर्ष वर्मा)

टीकमगढ़ (साई)। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ और उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिलों में गेंहूं ही किसानों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है। ललितपुर जिले में बिजरौठा गांव के किसान राम खिलावन सिंह के खेत में इस बार जब गेहूं की बंपर फसल लहलहाई तो उनके सपने भी साकार होने लगे। राम खिलावन के उन तमाम अरमानों को भी पंख लग गए, जो उन्होंने अपनी 20 वर्षीया बेटी रश्मि के हाथ पीले करने के लिए संजोए थे। उधर गेहूं की शानदार फसल खेतों में खड़ी थी और इधर शादी की तैयारियां शुरू हो गईं। लेकिन उनके ये अरमान पूरे नहीं हुए, क्योंकि इसी बीच सरकारी कुप्रबंधन सामने आ गया।
सरकारी क्रय केंद्र पर गेहूं बेचने का सिला यह मिला कि राम खिलावन बीते दो माह से ज्यादा समय से भुगतान के लिए भटक रहे हैं। वे बताते हैं, मैंने 12 जून को बिजरौठा साधन सहकारी समिति पर 42 क्विंटल गेहूं बेचा था और इसकी एवज में मुझे 39,000 रु. का चेक थमाया गया। जब मैंने इस चेक को भुनाने के लिए बैंक में डाला तो यह बाउंस हो गया।इसके बाद से तो राम खिलावन भुगतान के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और इसकी वजह से उनकी बिटिया की शादी टल गई है।
बिजरौठा गांव के ही किसान रमेश कुशवाहा के तीन बीघा खेत में इस बार 18 क्विंटल गेहूं की फसल पैदा हुई। इस फसल को बेचने के लिए जब वे खरीद केंद्र पहुंचे तो 50 किलो गेहूं अवैध कमीशन में काट लिया गया। गेहूं बेचने के बाद समिति से जो 22,000 रु। का चेक मिला, उसका भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। रमेश कहते हैं, श्श्मैंने तालबेहट के एक बनिए के पास 600 ग्राम चांदी की करदौनी गिरवी रखकर 5 रु। सैकड़ा पर खरीफ की फसल बोने के लिए पैसे उधार लिए हैं। अगर गेहूं का पैसा नहीं मिला तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा।

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