सोमवार, 24 सितंबर 2012

अब रोड पर नाली ढूंढने में लगी है एनएचएआई

अब रोड पर नाली ढूंढने में लगी है एनएचएआई


(हिमांशु कौशल)

सिवनी (साई)। मोहगाँव से कुरई खवासा तक की रोड में एनएचएआई नाली ढूंढने में लगी हुई है क्योंकि ठेकेदार में कह दिया कि रोड की तीन साल की गेरेंटी तो हम देंगे किन्तु ड्रेनेज की पुख्ता व्यवस्था आपको करनी है, ड्रेनेज न होने की वजह से अगर रोड खराब होती है तो इसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी।
ज्ञातव्य है कि पुराने जर्जर मार्ग की मरम्मत हेतु एनएचएआई ने जो निविदा निकाली थी उसका ठेका राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन द्वारा लिया गया है और कंपनी द्वारा ठेका धोखे से बहुत कम दर पर ले लिया गया है क्योंकि मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन जिसके पूरे रिसर्व पावर और मशीनरी यहाँ है ने भी इस कार्य हेतु निविदा भरी थी और राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन व मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन की दर में कम से कम 25-30 प्रतिशत का अंतर था।
इतनी कम दर पर ठेका लेने के बाद राजलक्ष्मी कंस्ट्रक्शन रोड बनाने के काम से बचना चाहती है क्योंकि  इस दौरान डीजल और डामर के रेट में भी भारी वृद्धि हो चुकी है। इन सब बातों को देखते हुए कंपनी द्वारा मौखिक रूप से एनएचएआई को यह कह दिया गया है कि जिस क्षेत्र में आप सड़क बनवाना चाहते हैं उसमें हर जगह नाली नहीं है और जब तक प्रापर ड्रेनेज नहीं होगा तब तक डामर की सड़क चाहे वो कितनी ही अच्छी क्यों न बनी हो टिक नहीं सकती।
कंपनी द्वारा यह भी कहा गया कि  जिस एरिये में उसे काम करना है उसमें बहुत बड़ा घाटि क्षेत्र है जिसमें चट्टान के ऊपर से पानी उतरेगा और नीचे नाली न होने से सड़क पर से बहता हुआ पुनः खाई तरफ गिरेगा इससे सड़क और भी जल्दी खराब होगी अतः कंपनी द्वारा एनएचएआई से नाली की मांग की गयी है कि वो एनएच में जहाँ नाली हो वहाँ नाली की सफाई कराये एवं जहाँ नाली नहीं है वहाँ नाली बनवाये।
अब एनएचएआई की स्थिति यह है कि सड़क पर नाली ढूंढ रही है। कहीं कहीं तो नाली है जो कि दब चुकी है किन्तु कुछ जगहें ऐसी भी है जहाँ नाली नहीं है और न ही एनएच के स्तर से नाली बनाने हेतु फंड है फिर बहुत सी जगह ऐसी भी  है जहाँ नाली बनाने के लिये के लिये भूमि भी नहीं है अगर एनएचएआई को नाली बनाना है तो उसे या तो रोड की चौड़ाई कम करनी होगी अन्यथा वन विभाग से थोड़ी और भूमि मांगनी होगी क्योंकि रोड से एकदम सटा कर तो  नाली बनायी नहीं जा सकती है, नाली बनेगी तो कम से कम रोड से आधा फुट दूरी पर ही बनेगी।
वहीं दूसरी ओर वन विभाग इस मामले में आसानी से कोई मदद देने को तैयार नहीं है। अब स्थिति यह है कि ठेकेदार काम तो करने के लिये तैयार है किन्तु तीन वर्ष तक रोड की गेरेंटी वह तभी लेगा जब ड्रेनेज प्रापर हो अन्यथा रोड वैसे ही बनेगी जैसे सिवनी की अंदरूनी सड़क बनी है और जब ठेकेदार से मरम्मत की बात कही जायेगी तो वो मरम्मत आज करता हूँ, कल करता हूँ। कह करटालते जायेगा।

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