इस कारण अंधेरे का
राजा है उल्लू
(जलपन पटेल)
अहमदाबाद (साई)।
उल्लू रात्रिचारी पक्षी है, जो अपनी आंख और गोल चेहरे के कारण बहुत
प्रसिद्ध है। इनकी सबसे बड़ी विशेषता है कि यह बहुत कम रोशनी में भी देख लेता है।
इसके अलावा, उल्लुओं के
बारे में कहा जाता है कि बड़ी आंखें बुद्धिमान व्यक्ति की निशानी होती है और इसलिए
उल्लू को बुद्धिमान माना जाता है। हालांकि, यह एक विश्वास मात्र ही है। अब सवाल उठता है
कि उल्लू सिर्फ रात में ही क्यों देख सकते हैं?
दरअसल, उल्लुओं की अधिकतर
प्रजाति रात्रिकालीन यानी रात में देखने वाली हैं। इन प्रजातियों ने अपने विकास के
समय से ही रात में देखने की क्षमता विकसित कर ली। नाइट विजन होने के कारण अंधेरे
में भी शिकार करना उनके लिए आसान है, क्योंकि जीवों की कुछ प्रजातियां रात में
बाहर निकलती हैं। रात में देखने के लिए उल्लुओं की आखें कई प्रकार की अनुकूलन
क्षमता से लैस होती हैं। उदाहरण के तौर पर, उनकी आंखों का आकार बड़ा होता है।
उनकी आखों के
रेटिना में प्रकाश संवेदनशील कोशिकाओं का होना। इसके अलावा कॉर्निया भी बड़ी होती
हैं। इन सभी कारणों से उल्लू रात में अच्छी तरह से देख पाता है। हालांकि, यह भी सच है कि सभी
उल्लुओं की रात्रिकालीन दृश्य क्षमता अच्छी नहीं होती, यानी अधिक अंधेरे
में उन्हें साफ नजर नहीं आता है।
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