शिव राज में हर रोज
किसान कर रहे आत्महत्या
(सोनल सूर्यवंशी)
भोपाल (साई)। देश
के हृदय प्रदेश को लगता है किसी की नजर लग गई है। मध्य प्रदेश में ओला पाला आदि
प्राकृतिक आपदाओं से पीडित किसानों द्वारा कर्ज के बोझ तले दबकर खुदकुशी के ही
रास्ते को चुनना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश की बागड़ोर शिवराज ंिसह चौहान के हाथों में
है जो खुदको किसान पुत्र बताते हैं। विपक्ष में बैठी कांग्रेस भी फटे रूमाल से
किसानों के आंसू पोंछने का स्वांग करती नजर आ रही है।
नैशनल क्राइम
ब्यूरो के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मध्य प्रदेश में भाजपा
के आठ साल के शासन काल में 10 हजार 800 से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है। आज मध्य
प्रदेश किसानों की खुदकुशी के मामले में देश में चौथे नंबर पर पहुंच गया है।
सूत्रों ने नैशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के हवाले से बताया कि प्रदेश में
किसानों द्वारा की जा रही खुदकुशी की वजह आर्थिक तंगी, कर्ज और पारिवारिक
है।
नैशनल क्राइम
ब्यूरो द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में वर्ष 2011 में हर दिन
औसतन 3 से अधिक किसानों ने मौत को गले लगाया और कई कारणों से कुल 1326 किसानों ने
खुदकुशी जैसा कदम उठाया है। 2004 से 2011 के 8 साल के बीच 10861 किसानों ने मौत को
गले लगाया।
उपलब्ध आंकड़ों के
मुताबिक 2011 में जिन 1326 किसानों ने मौत को गले लगाया उनके कारण अलग-अलग रहे
हैं। इस दौरान जिन किसानों ने खुदकुशी की है उनमें 347 ने पारिवारिक कारणों से, 16 ने आर्थिक
कारणों से, 326 ने
शारीरिक व मानसिक बीमारी के चलते, 120 ने नशे में और 508 ने अन्य कारणों से
खुदकुशी की है।
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