0 सिवनी से नहीं चल
पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 12
एक भी मालगाड़ी नहीं
चलती है सिवनी में!
(संजीव प्रताप
सिंह)
सिवनी (साई)। भगवान
शिव के नाम पर बसे सिवनी में भारतीय रेल की एक भी मालगाड़ी का आवागमन नहीं होता है।
अस्सी के दशक में यहां माल गाडियां आया करती थीं, जिससे सामान का
परिवहन होता था, विडम्बना
ही कही जाएगी कि अस्सी के दशक के उपरांत नपुंसक राजनैतिक नेतृत्व के चलते सिवनी
में बिछी नेरोगेज की रेल की पांतो पर माल गाडियों का आवागमन बंद हो गया।
ज्ञातव्य है कि
पिछले लगभग तीन दशकों से सिवनी जिले में सामान का परिवहन पूरी तरह से सड़क मार्ग पर
ही निर्भर रहा है। इक्कसवीं सदी के पहले ही दशक में 2008 के उपरांत शेरशाह सूरी के
जमाने की एनएच 07 पर ग्रहण लग गया और इसका निर्माण फोरलेन में करना तो छोड़िए इसका
रखरखाव भी बंद कर दिया गया जिसके परिणामस्वरूप सिवनी जिले का एनएच का हिस्सा
मोटरेबल भी नहीं बचा।
यहां माल ढुलाई
काफी हद तक इसलिए मंहगी हो गई क्योंकि कम कीमत में माल ढोने पर वाहन चालकों के
टायर की घिसाई भी नहीं निकल पाती थी। लोगों की निगाहें नेरोगेज के अमान परिवर्तन
की ओर आकर टिक गईं। 2006 के बाद बार बार सिवनी के निवासियों के ब्राडगेज के मामले
में रिसते घावों पर मरहम लगाने के बजाए नेताओं ने उस पर नमक ही छिड़कने का काम किया
है।
देखा जाए तो पडोसी
जिले छिंदवाड़ा में परासिया से छिंदवाड़ा का अमान परिवर्तन हो चुका है और छिंदवाड़ा
से सौंसर का अमान परिवर्तन अगले साल पूरा होना बजट में दर्शाया गया है। इतना ही
नहीं बालाघाट में बालाघाट से गोंदिया रेलखण्ड का अमान परिवर्तन हो चुका है। रह गया
है तो छिंदवाड़ा से सिवनी होकर नैनपुर का रेलखण्ड।
(क्रमशः जारी)
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