बीपीएल प्लाटों की
निशानदेही करवाते पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीण
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। जिला
में परिवार कल्याण अभियान को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग
ने सरकारी संस्थाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र की संस्थाओं व चिकित्सकों की मदद लेने
का फैसला किया है। परिवार को सीमित रखने की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 11
मार्च से 24 मार्च तक एक विशेष अभियान चलाकर मान्यता प्राप्त निजी क्षेत्र की
संस्थाओं में नलबंदी व नसबंदी शिविर लगाए जाएंगे।
जिला उपायुक्त
चंद्रशेखर ने आज अपने कार्यालय में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों व निजी चिकित्सा
संस्थाओं के चिकित्सकों की बैठक में चिकित्सकों को निर्देश दिए कि वे इस अभियान की
सफलता के लिए समर्पण की भावना से काम करें। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक अपने काम
को पूरी तनमयता से करके आम जन में विश्वास
को कायम करें।
इस अभियान के लिए
कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें परिवार कल्याण विभाग की डिप्टी सिविल सर्जन, राष्ट्रीय ग्रामीण
स्वास्थ्य मिशन के डिप्टी सिविल सर्जन, आईएमए के दो या तीन सदस्य के अतिरिक्त
स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी शामिल किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया
कि इन शिविरों में नसबंदी करवाने वाले लोगों को 1300 रुपए नकद तथा 200 रुपए की राशि
मोटिवेटर को दी जाएगी। नलबंदी करवाने वाली महिलाओं को भी प्रोत्साहन राशि दिए जाने
का प्रावधान होगा। अनुसूचित जाति व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को नलबंदी
करवाने पर 1350 रुपए तथा मोटिवेटर को 150 की राशि प्रदान की जाएगी। उपायुक्त ने
कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए इस अभियान को सफल बनाया जाना जरूरी है।
सिविल सर्जन डा।
सुरेंद्र नैन ने बताया कि निजी क्षेत्र की जिन संस्थाओं को परिवार कल्याण सेवाओं
के लिए शामिल किया गया है, उनमें हिंद सिनेमा के निकट गर्ग आई व मैट्रिनेटी अस्पताल, पदमा सिटी के निकट
गणपति अस्पताल, पार्क रोड
कैथल पर सिघानिया नर्सिंग होम, करनाल रोड पर जीवन ज्योति अस्पताल, अंबाला रोड पर सूद
आई व मैट्रिनेटी अस्पताल, हिंद सिनेमा कैथल के नजदीक जिंदल अस्पताल, पेहवा चौक कैथल पर
आर्य सिटी स्कैन व मैट्रिनेटी होम, पार्क रोड कैथल पर कीर्ति अस्पताल, करनाल रोड कैथल पर
सिंघला नर्सिंग होम,
अंबाला रोड कैथल पर मित्तल सर्जिकल व मैट्रिनेटी अस्पताल, अंबाला रोड कैथल पर
आशिर्वाद नर्सिंग होम शामिल है।
श्री नैन ने बताया
कि नलबंदी व नसबंदी के सभी आपरेशन विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा किए जाएंगे। जिला
में इन 11 निजी क्षेत्र की चिकित्सा संस्थाओं को नसबंदी व नलबंदी आपरेशन के लिए
चुना गया है। यदि जनसंख्या पर नियंत्रण हो जाता है तो आम आदमी को सभी बुनियादी
सुविधाएं उपलब्ध करवाने में कोई भी परेशानी नही आएगी। उन्होंने कहा कि इन शिविरों
को सफल बनाने के लिए आम आदमी को अभियान के साथ जोड़ा जाएगा।इस अवसर पर उप सिविल
सर्जन डा। नीलम कक्कड़, आईएमए के प्रधान सहित आईएमए के सदस्य मौजूद रहे।
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