सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

पाक जमीन पर कायम हुआ शहीद-ए-आजम का निशान


पाक जमीन पर कायम हुआ शहीद-ए-आजम का निशान

(विस्फोट डॉट काम)

नई दिल्ली (साई)। आज के पाकिस्तान की सरजमीं पर पैदा होनेवाले शहीद-ए-आजम का नामों निशान लगभग मिट ही चुका था लेकिन अब एक बार फिर पाकिस्तान की सरजमीं पर शहीद-ए-आजम का नामोनिशान कायम हुआ है. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने फैसला किया है कि वह उस शादमान चौक का नाम शहीद-ए-आजम के नाम पर भगत सिंह चौक रखेगी जिस जगह पर भगत सिंह को फांसी दी गई थी. इसी जगह पर पहले लाहौर जेल का फांसीघर था.
अब से इस जगह को भगतसिंह चौक के नाम से जाना जाएगा। पाकिस्तान के प्रगतिशील और मज़दूर आंदोलनों व साथ साथ करोड़ों भारतवासीयों के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलिब्ध है। पाकिस्तान के विभिन्न संगठन व पार्टी खासतौर पर लेबर पार्टी पिछले कई वर्षाे से इस मांग को उठाते रहे हैं। क्योंकि उनका मानना है कि भगतसिंह पाकिस्तान का सबसे बड़े शहीद हैं। भगतसिंह लाहौर शहर में ही पले-बढ़े व उन्होंने अपना राजनैतिक संघर्ष वहीं शुरू किया व उसी शहर में ही उनकी शहादत हुई। वे इस पूरे उपमहाद्वीप के साझी विरासत के प्रतीक है जिसे दोनों ही मुल्क हिन्दुस्तान व पाकिस्तान काफी शिद्दत से मानते हैं।
ज्ञातव्य रहे कि इस वर्ष मई में राष्ट्रीय वनजन श्रमजीवी मंच के राष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल आया था उन्होंने तय किया था कि लाहौर में शादमान चौक पर भगतसिंह के जन्मदिन पर इस चौक को भगतसिंह के नाम से बनाने के लिए दोनों देशों के लोगों द्वारा एक मुहिम शुरू की जाएगी। इस मुहिम की शुरूआत लेबर पार्टी द्वारा शुरू की गई। इसी मांग को पूरा करने के लिए 28 सितम्बर 2012 को लाहौर के सर दयाल सिंह लाईब्रेरी हाल में भगतसिंह का जन्मदिन बनाने का व्यापक कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसका आयोजन वहां के 40 संगठनों द्वारा किया गया था। उसी समारोह में भारत से भी 32 लोगों को शिष्टमंडल जाना था लेकिन पाकिस्तान की केन्द्रीय सरकार ने वीज़ा नहीं दिया। इसके कारण यह शिष्टमंडल वहां नहीं पहुंच पाया। वीज़ा न दिए जाने पर दोनों देशों के जनसंगठनों में काफी रोष था।
भारत से इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शिष्टमंडल तो नहीं पहुंच पाया लेकिन लाहौर में कार्यक्रम भी हुआ और शहीद-ए-आज़म भगतसिंह चौक की घोषणा भी की गई। इस कार्यक्रम को पाकिस्तान के प्रगतिशील संगठनों ने सफल कार्यक्रम बनाया व भगत सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में केक भी काटा गया। इस कार्यक्रम का पाकिस्तान की मीडिया ने भी सराहना की, द डॉन ने शादमान चौक को शहीदे आज़म भगतसिंह चौक के नाम की घोषणा को प्रमुखता से प्रकाशित किया है।

कोई टिप्पणी नहीं: