सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

दवा कंपनियों के आगे नतमस्तक सरकार


दवा कंपनियों के आगे नतमस्तक सरकार

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। चिकित्सकों, मेडीकल रिप्रेजेंटेटिव और रिटेलर्स की बदौलत अरबों खरबों रूपए कमाने वाली दावा कंपनियों द्वारा सरकार की फार्मा पालिसी को रद्दी की टोकरी में ही डालकर रखा जाता है। चिकित्सकों को अच्छा खासा प्रलोभन देकर ये दावा कंपनियां अपना हित साधकर आम भारतीय को लूटने में कसर नहीं छोड़ रही हैं। कहा जाता है कि नामी गिरामी चिकित्सकों का पिन टू प्लेनसारा खर्च ये दवा कंपनियां ही उठा रही हैं।
सरकार जहां नई दवा नीति के जरिए दवाओं के बढ़ते दामों पर काबू पाने का जतन कर रही है, वहीं कई दवा कंपनियां सरकार को एक अर्से से अहसास कराती आ रही हैं कि उसे दवाओं के रेट कंट्रोल करने के इंतजाम की कितनी परवाह है। इन कंपनियों ने करीब 14 सालों के दौरान मूल्य नियंत्रण के इंतजाम को ठेंगा दिखाते हुए जनता से करीब 2463 करोड़ रुपये ज्यादा वसूलकर अपनी जेब में डाल लिए। इसमें से करीब 235 करोड़ रुपये की वसूली ही सरकार अब तक कर पाई है।
केंद्र सरकार ने गरीब जनता को दवाओं के मनमाने दामों से राहत दिलाने के लिए अभी 74 बल्क ड्रग्स और उनके संयोग से बनने वाली दवाओं को मूल्य नियंत्रण के दायरे में रखा है और इनके रेट तय कर रखे हैं। इन रेट्स की समय-समय पर समीक्षा होती है और जरूरत के मुताबिक इनमें बढ़ोतरी भी होती रहती है। बावजूद इसके, कई देसी-विदेशी दवा कंपनियां अपनी दवाओं के मनमाने रेट तय कर देती हैं और जनता के सामने इसे सहन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता। इन कंपनियों में से कई तो सरकार का नोटिस मिलने पर अवैध रूप से वसूला गया पूरा पैसा सरकारी खजानेे में जमा करा चुकी हैं, जबकि कई इसके विरोध में कोर्ट में पहुंच गई हैं।
अभी नैशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) दवाओं के दामों पर नियंत्रण रखती है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सालब्यूटामॉल अस्थमा और खांसी में इस्तेमाल की जाने वाली आम दवा है। इसे कंपनियां अलग-अलग ब्रैंड नेम से बेचती हैं। कई कंपनियों ने इसके मिश्रण से बनने वाली दवाओं के लिए करीब 495 करोड़ रुपये ज्यादा वसूल लिए हैं। इसमें से करीब 485 करोड़ रुपये अकेले एक मल्टिनैशनल कंपनी अपनी जेब में डाल चुकी है। इसी कंपनी पर दवाओं के सबसे ज्यादा दाम वसूलने का आरोप है और सरकार का नोटिस मिलने पर वह कोर्ट में चली गई।

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