शुक्रवार, 29 मार्च 2013

भारत से घबराया इटली, पर किसकी शह पर सौदेबाजी की!


भारत से घबराया इटली, पर किसकी शह पर सौदेबाजी की!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। दो मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी सैनिकों की भारत वापसी के समूचे प्रहसन में इतालवी सरकार बुरी तरह डर गई थी। इटली दूतावास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को साफ तौर पर बताया कि इटली सरकार को भारत के साथ पंगा लेने की बात पर ही पसीना आ रहा था।
सियासी गलियारों में अब इस बात की खोज हो रही है कि डरा हुआ इटली आखिर किसकी शह पर शेर बन गया और अपनी शर्तों पर सैनिक भेजने की बात कहने लगा। इतालवी दूतावास के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इटली ने दो भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी अपने दो मरीन्स को भारत वापस इसलिए भेजा क्योंकि उसे लग रहा था कि भारत से पंगा भारी पड़ सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इटली के निवर्तमान प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने इतालवी मरीन्स को भारत वापस भेजने के कारणों का जिक्र करते हुए कहा है कि उनके देश पर अंतरराष्ट्रीय तौर पर अलग-थलग पड़ने का बड़ा खतरा था। मोंटी ने कहा कि इसके साथ ही भारत के साथ सीरियस लेवल का संकट भी खड़ा हो सकता था। मोंटी ने यह भी कहा कि विदेश मंत्री गिउलियो तेरजी ने जिस मकसद के साथ इस्तीफा दिया, वह मरीन्स मुद्दे तक सीमित नहीं है। तेरजी के इस्तीफे के बाद मोंटी ने विदेश मंत्रालय अपने पास रख लिया है। उन्होंने भारत के साथ पैदा हुए विवाद के बारे में कई ब्यौरे दिए।
इतालवी समाचार एजेंसी इनसा के अनुसार मोंटी ने कहा कि विकासशील जगत में मुख्य व्यापार साझेदारों के साथ रिश्तों के खत्म होने का जोखिम था, हालांकि उन्होंने मामले को आर्थिक पहलू से जोड़ने से इनकार किया। उन्होंने कहा कि वह तेरेजी के इस्तीफा देने के फैसले से हैरान थे और इस बारे में पूर्व विदेश मंत्री ने उन्हें कोई चेतावनी नहीं दी थी कि मंगलवार को वह पद छोड़ देंगे।
इतालवी दूतावास के सूत्रों ने आगे बताया कि देश को हांकने वाली सर्वशक्तिमान महिला दरअसल, इटली मूल की हैं और उन्होंने देश के लोगों के दिखावे के लिए आंखें तरेरी थीं, वस्तुतः अंडरटेबिल डीलिंग के चलते यह तय हो गया था कि इतालवी सैनिकों को डरने की आवश्यक्ता नहीं है, वे यहां आएंगे तो इतालवी सरकार की शर्तों पर। मजे की बात तो यह है कि इस सारे मामले में विपक्ष पूरी तरह मौन साधे बैठा है।

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