अपनी खिंचाई देख, संत हुए अमर्यादित
(आशीष कौशल)
नागपुर (साई)। देश
के महाराष्ट्र सूबे में सूखे से सभी वाकिफ हैं, इस राज्य में सूखें
के बावजूद प्रख्यात संत आशाराम बापू ने हजारों लिटर पानी की होली खेलकर मीडिया की
आलोचना झेलना आरंभ किया। जैसे ही सियासी हल्कों में उनके खिलाफ तीर तरकश तेज हुए
वे घबरा उठे और संत होते हुए भी वे अमर्यादित हो कहने लगे किसी के बाप का पानी
नहीं लिया है। मीडिया पर भी बापू ने अपना गुस्सा जमकर उतारा।
सूखाग्रस्त
महाराष्ट्र में नागपुर और मुंबई के बाद गुजरात के सूरत में होली खेलने पहुंचे
आसाराम बापू ने वहां भी जमकर होली खेली। संत का स्वभाव सहनशील और क्षमा करने वाला
होता है। इससे उलट संत आसाराम बापू ने तो अपने विरोधियों को ही जमकर खरी खोटी सुना
दी।
सूरत से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि वहां भी हजारों लीटर पानी बर्बाद कर डाला।
उन्होंने अपनी होली खेलने के तरीके का विरोध करने वालों को खरी-खोटी भी सुनाई। साथ
ही यह दावा किया कि वह अपनी शक्ति से हवाओं का रुख बदल सकते हैं और जब चाहे जहां
चाहे बरसात भी करा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आगे से वह ऐसा कोई कार्यक्रम
नहीं करेंगे और एकांतवास चले जाएंगे।
होली के दिन सूरत
स्थित जहांगीरपुरा आश्रम में हाइड्रोलिक पंप से अपने भक्तों पर पानी की बौछार करते
हुए बापू ने कहा, मैंने
मुंबई में छह हजार लीटर रंग बनवाया था। वहां तीन पाइप लाइन थीं, यहां तो चार हैं।
यहां तो छह हजार नहीं 12 हजार लीटर रंग बनवाऊंगा-जलने वाले जला करें। हमारे यहां पानी
की बर्बादी नहीं होती और हम किसी सरकार या सरकार के बाप का पानी नहीं लेते।
मीडिया को भी आड़े
हाथों लेते हुए बापू ने कहा, मैं दावे से कहता हूं कि जो बिकाऊ मीडिया है
वह हमसे सीखे। आधा टैंकर पानी भी खर्च नहीं हुआ और पूरे विश्व में हल्ला मचा दिया।
कह रहे हैं कि बापू के साधकों ने मीडिया वालों को मारा। कितने मीडियावालो को मारा? लाखो साधक हैं और
एक ही मीडियावाले को मारा? वह भी घूम रहा है। कहीं का भी झगड़ा हो, दिखा देते हैं कि
बापू के साधक लड़ रहे हैं।
बापू के मुताबिक, मैंने थोड़े से पानी
से अपने भक्तों को भक्ति के रंग से रंगने का प्रयास किया तो मीडिया ने हो-हल्ला
मचाया, लेकिन
महाराष्ट्र के मंत्री पतंगराव कदम के लिए हैलीपैड बनाने के लिए 41 टैंकर पानी बर्बाद
किया गया, जिसे पूछने
वाला कोई नहीं है?
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