शुक्रवार, 29 मार्च 2013

मई 2013 तक प्रदेश के सभी जिलों में बिजली उपलब्ध करायी जायगी


मई 2013 तक प्रदेश के सभी जिलों में बिजली उपलब्ध करायी जायगी

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश में मई 2013 तक सभी जिलों में 24 घंटे बिजली उपलब्ध करायी जायेगी तथा अगले साल मध्यप्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र मंे पावर सरप्लस हो जायगा और बिजली की दरों को 5 प्रतिशत घटाने की स्थिति में होगा। यह विचार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज यहां आयोजित पावर विजन कान्क्लेव 2013 में मुख्य अतिथि के रूप मंे भाग लेते हुए रखे। चौहान ने बताया कि जब 2003 में सत्ता सम्भाली थी तब मध्यप्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी में आता था। सड़क और बिजली की स्थिति बदतर थी और कोई भी मानने को तैयार नहीं था कि बिजली के क्षेत्र में मध्यप्रदेश न केवल आत्मनिर्भर हो जायगा बल्कि अन्य राज्यों को बिजली की स्थिति में होगा। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्गों को छोड़कर सड़क निर्माण के क्षेत्र में भी प्रदेश ने काफी विकास किया है, पूरे प्रदेश में लगभग 80 हजार किलोमीटर की सड़कों का जाल बिछाया गया है। प्रदेश के हर गॉव को सड़क से जोड़ने और हर गॉव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने केे सपने को शीघ्र ही साकार किया जायगा।
श्री चौहान के कहा कि विद्युत आपूर्ति के लिए प्रदेश ने न केवल विद्युत उत्पादन में वृद्धि की है बल्कि ताप विद्युत क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003 में कुल उपलब्ध क्षमता 4663 मेगावाटी थी जो मार्च 2014 तक बढ़कर 14736 मेगावाट हो जायगी। उत्पादन क्षमता के साथ-साथ दीर्घ अवधि के क्रय अनुबंधों के माध्यम से विद्युत आपूर्ति सुनिश्वित की जा रही है जो कि क्रय की जाने वाली बिजली का 96 प्रतिशत है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष पहल करते हुए निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नीमच जिले में देश का सबसे बड़ा 130 मेगावाट सोलर प्लान्ट लगने जा रहा है। विद्युत वितरण नेटवर्क के सुधार के लिए 11000 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है। ग्रामीण तथा कृषि वितरण के फीडर को विभाजित कर अब प्रदेश के सभी गॉवों में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश विद्युत वितरण कम्पनियों की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए वित्तीय पुनर्संरचना पैकेज लागू किया जा रहा है।                                                         
श्री चौहान ने बताया किया 11वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश की विकास दर 10.20 थी जो देश में दूसरे स्थान पर है। इसी प्रकार कृषि के क्षेत्र में प्रदेश ने 18.91 प्रतिशत की दर से विकास दर हासिल की है।  चौहान ने कहा कि वह पूरी व्यवस्था को बाइब्रेन्ट बनाना चाहते हैं जिसको कि पूरे सिस्टम को सुदृढ़ किया जा सके। अर्थव्यवस्था को गतिमान बनाया जा सके, प्रदेश अपने संसाधनों को दोहन राज्य के विकास के लिए कर सके। उन्होंने कहा कि व्यवस्था के सरलीकरण बनाने की जरूरत है जिससे विकास का लाभ आम आदमी तक पहुंच सके। चौहान ने अटल ज्योति अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभियान के तहत अभी प्रदेश के 6 जिलों (जबलपुर, मंडला, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर और बुरहानपुर) के सभी गॉंवों में बिजली उपलब्ध करायी जा रही है तथा मई 2013 तक सभी जिलों के हर गॉव को बिजली उपलब्ध करा दी जायगी।
श्री चौहान ने प्रदेश में शुरू की गयी मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के बारे में बताते हुए कहा कि युवाओं को छोटे तथा मझोले उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उद्योग लगाने के लिए बैंकों से ऋण उपलब्ध करवाने के लिए गारंटी राज्य सरकार दे रही है। चौहान ने गॉव को एक स्वयंभू इकाई बनाये जाने पर भी जोर दिया और कहा कि इससे गांधी जी का सपना साकार होगा।  उन्होंने कहा कि लद्यु और कुटीर उद्योगों का जाल पूरे प्रदेश में बिछाने का लक्ष्य रखा गया है जिससे कि गॉवांे के युवाओं को शहर की तरफ रोजगार के लिए आना न पड़े और गॉव में ही रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध हो सकें। 

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