गन्ना किसानों की
आरसी न काटी जायेः विकास बालियान
(एस.के.धीमान)
मुजफ्फरनगर (साई)।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की एक बैठक विकास बालियान के आवास पर हुई। वहां
वक्ताओं ने कहा कि एक ओर तो अदालत का स्पष्ट आदेश है कि जब तक गन्ना किसानों का
विगत वर्ष का भुगतान ब्याज सहित नहीं मिल जाता, तब तक किसी भी
गन्ना किसान से किसी भी प्रकार के कृषि ऋण की वसूली नहीं की जायेगी। बावजूद इसके
लगातार किसानों से राजस्व वसूली के नाम पर कृषि ऋणों की वसूली की जा रही है। उनकी
आर.सी. काटी जा रही है। तहसीलकर्मी किसानों के घरों में जाकर उन्हें अपमानित कर
रहे है। उनसे किसी भी प्रकार वसूली के प्रयास किये जा रहे है। आर.सी. कटने के साथ
ही 10 प्रतिशत
मूल राशि पर अतिरिक्त पैसा जुड जाता है। एक ओर किसानों को उनकी फसल का अदालत के
आदेश के बावजूद भुगतान नहीं किया जा रहा। वहीं दूसरी ओर उन पर देय बकायों को लेकर
उन्हें प्रताडित किया जा रहा है। यह अदालत के आदेशों की अवमानना है।
राष्ट्रीय किसान
मजदूर संगठन की ओर से वीएम सिंह द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय लखनऊ डबल बैंच में
दायर रिट संख्या 6429/2012 पर माननीय
न्यायधीशांे उमानाथ सिंह एवं विरेन्द्र कुमार दीक्षित ने 06.08.2012 को स्पष्ट
आदेश दिया गया था कि राज्य सरकार गन्ना किसानों से किसी भी प्रकार के कृषि ऋण की
वसूली उस समय तक स्थगित रखेगी जब तक गन्ना किसानों का बकाया गन्ना भुगतान ब्याज
समेत नहीं दिया जाता। बावजूद इसके किसानों से वसूली की जा रही है और उनकी आर.सी.
काटी जा रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए आज राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन की
ओर से एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को देने की
बात रखी गयी। जिस पर एक प्रार्थना पत्र सम्बंधित अधिकारी को दिया गया। ताकि
किसानों की वसूली रूकवायी जा सके।
कृषि ऋण में सरकारी, गैर सरकारी बैंकों
के साथ साथ किसान क्रेडिट कार्ड, सोसायटी, सहकारी समिति आदि
के देय भी शामिल है। बैठक में मुख्य रूप से संजय सिंह दूधाधारी खेडी, निखिल राणा, चौ. तेजराम राठी, जितेन्द्र सिंह, नरेश त्यागी
दिनकरपुर, जगमोहन
राणा आदि शामिल थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें