(दीपांकर श्रीवास्तव)
लखनऊ (साई)। रामकृपाल ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए कहा कि पार्टी अपने विचारधारा से भटक गयी है. सामाजिक न्याय में नहीं बल्कि पारिवारिक न्याय में विश्वास रखने लगी है.
राजद में दूसरे नंबर के नेता रामकृपाल यादव पार्टी प्रमुख लालू यादव के निर्णय से बेहद नाराज ही नहीं आहत हैं. उन्होंने शनिवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के समी पदों से इस्तीफा देने का ऐलान किया.
साथ ही यह भी कहा कि फिलहाल पार्टी के पदों से इस्तीफा दे रहा हूं. लेकिन मेरा चुनाव लड़ना तय है. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने विचारधारा से भटक गयी है. सामाजिक न्याय में नहीं बल्कि पारिवारिक न्याय में विश्वास रखने लगी है. उन्होंने यह भी कहा कि जनता की इच्छा थी कि मैं पाटलिपुत्र से चुनाव लडूं. मेरी भी यही इच्छा थी.
पाटलिपुत्र सीट से लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती को टिकट देने से राकृपाल नाराज चल रहे हैं. लेकिन शुक्रवार को रामक़पाल यादव पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती के वहां से चुनाव लड़ने के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा था कि अगर लालू जी को यह स्वीकार है तो वे उन्हें सूचित करें. लेकिन लालू प्रसाद ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि रेस के बीच में घोड़े बदले नहीं जाते.
आरजेडी प्रमुख के इस बयान से रामकृपाल बेहद आहत हुए हैं. उन्होंने शनिवार को प्रेसकांफ्रेस में लगभग रुआंसे होते हुए कहा कि मेरा पार्टी प्रमुख से भावनात्मक और पारिवारिक रिश्ता रहा है. अगर बेटी घर आती है तो उसे खाली हाथ नहीं भेजा जाता है. मैंने उसे निराश नहीं किया.
वहीं उन्होंने दूसरी पार्टी में जाने के सवाल पर कहा कि फिलहाल अभी नहीं कहा जा सकता विचार कर रहा हूं. हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही जिसे बाद में साफ करते हुए कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दिया है. इस बारे में यादव ने कहा कि यह इमोशनल ब्लैकमेल की एक कोशिश थी. यादव फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं और पटना से वह तीन बार लोकसभा के लिए चुने जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वह अब भी पार्टी में हैं और उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है.
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