केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
(सुरेंद्र जायस्वाल)
जबलपुर (साई)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने आने वाले नए सत्र में केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। जिसके तहत इन कक्षाओं के विद्यार्थियों को सप्ताह में केवल 5 दिन स्कूल जाना होगा। छोटे बच्चों के लिहाज से समय अधिक होने के कारण सीबीएसई ने यह निर्णय लिया है, जिसे स्वैच्छिक रखा जाएगा।
प्रायोगिक तौर पर उक्त नियम को पहले कुछ स्कूलों में लागू किया जाएगा, उसके बाद बाध्यता जारी होगी। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई स्कूल के विद्यार्थियों पर राज्य शासन के पाठ्यक्रम से कहीं अधिक पढ़ाई का बोझ होता है। राज्य शासन के अंग्रेजी और हिन्दी माध्यमों के स्कूल अब भी 5 घंटे लग रहे हैं तो वहीं सीबीएसई स्कूल 6 घंटे तक लगते हैं।
इधर सीबीएसई ने एक नया सर्कुलर भी तैयार किया है, उसमें रोजाना साढ़े 7 घंटे की कक्षाएं लगाने की योजना है। फिलहाल इसका विरोध होना शुरू हो गया है। यदि ऐसा होता है तो सीबीएसई विद्यार्थियों के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। नए प्रस्ताव में 5 दिन स्कूल की योजना अभिभावकों को काफी लुभा रही है।
वैसे भी केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थी उतने परिपक्व नहीं होते हैं कि वे रोजाना छह घंटे स्कूल की कक्षाओं में बिता सकें, ऊपर से दो घंटे का समय उनके आने-जाने का होता है तो 1 घंटे तैयार होने और नाश्ता करने में निकल जाता है। इस तरह विद्यार्थियों के स्कूल जाने से लेकर घर वापस आने तक में कुल 9 घंटे खर्च हो जाते हैं।
प्रायोगिक तौर पर उक्त नियम को पहले कुछ स्कूलों में लागू किया जाएगा, उसके बाद बाध्यता जारी होगी। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई स्कूल के विद्यार्थियों पर राज्य शासन के पाठ्यक्रम से कहीं अधिक पढ़ाई का बोझ होता है। राज्य शासन के अंग्रेजी और हिन्दी माध्यमों के स्कूल अब भी 5 घंटे लग रहे हैं तो वहीं सीबीएसई स्कूल 6 घंटे तक लगते हैं।
इधर सीबीएसई ने एक नया सर्कुलर भी तैयार किया है, उसमें रोजाना साढ़े 7 घंटे की कक्षाएं लगाने की योजना है। फिलहाल इसका विरोध होना शुरू हो गया है। यदि ऐसा होता है तो सीबीएसई विद्यार्थियों के विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। नए प्रस्ताव में 5 दिन स्कूल की योजना अभिभावकों को काफी लुभा रही है।
वैसे भी केजी से पांचवीं तक के विद्यार्थी उतने परिपक्व नहीं होते हैं कि वे रोजाना छह घंटे स्कूल की कक्षाओं में बिता सकें, ऊपर से दो घंटे का समय उनके आने-जाने का होता है तो 1 घंटे तैयार होने और नाश्ता करने में निकल जाता है। इस तरह विद्यार्थियों के स्कूल जाने से लेकर घर वापस आने तक में कुल 9 घंटे खर्च हो जाते हैं।
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