धान के बाद गेहूं में हो रहा घालमेल
ई-उपार्जन वाले गेहूं के परिवहन में गोलमाल!
(ब्यूरो कार्यालय)
सिवनी (साई)। ई-उपार्जन के माध्यम से खरीदी गई धान में व्यापक स्तर पर अनियमितताएं होने के बाद भी किसी भी अधिकारी का बाल भी बांका नहीं हो सका। इस दौरान भी परिवहन कर्ता ठेकेदार ने जमकर नियम कायदों का माखौल उड़ाया। अब गेहंू खरीद में भी परिवहन कर्ता ठेकेदार द्वारा सरकार के दिशा निर्देशों को कचरे की टोकरी में डालकर मनमानी कर, लाखों के वारे न्यारे करने की जुगत लगाई जा रही है।
गौरतलब है कि धान के संग्रहण, परिवहन और रखरखाव में जमकर अनियमितताएं प्रकाश में आई थीं। उस वक्त समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया द्वारा इस मामले को पुरजोर तरीके से उठाया गया था, किन्तु कहा जा रहा है कि धान से जुड़े लोगों का रैकॅट इतना मजबूत और ताकतवर है कि इस संबंध में संबंधितों द्वारा चाहकर भी कोई कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया जा सका है। कहा जा रहा है कि इनकी जड़ें जाकर सियासी कीचड़ में इस कदर मजबूत तरीके से बंधी हुई हैं कि इन पर कार्यवाही करना आसान नहीं है।
81 केंद्रों में होना है खरीद
ई-उपार्जन के माध्यम से गेहूं की खरीद के लिए शासन स्तर पर 81 केंद्र चिन्हित किए गए हैं। गेहंू खरीद आरंभ हुए एक सप्ताह का समय बीत चुका है और आज तक महज 61 केंद्रों से ही गेहूं की खरीद आरंभ हो पाई है। आज तक 1729 किसानों से 150004 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
यह है परिवहन का खेल
आज तक खरीदे गए कुल गेहूं में से महज 29.87 प्रतिशत गेहूं का ही परिवहन हो पाया है। इस परिवहन में भी जमकर खेल खेला जा रहा है। जिला विपणन अधिकारी, म.प्र.सिविल स्टेट सप्लाईज कॉर्पोरेशन एवं म.प्र.वेअर हाउस लॉजि.कॉर्पोरेशन के अधिकारियों के हस्ताक्षरों से जारी परिपत्र में कुल 23 गोदामों में भण्डारण क्षमता के साथ सूची जारी की गई है। इतना ही नहीं, इन अधिकारियों द्वारा रबी विपणन वर्ष 2014-2015 में गेहूं भण्डारण हेतु उपलब्ध गोदाम, रिक्त स्थान एवं संलग्न समितियों की जानकारी भी दी गई है।
इस जानकारी में गोदाम का नाम पता, गोदाम का क्रमांक, भण्डारण क्षमता के साथ ही साथ गोदाम से संलग्न समिति और खरीदी केंद्र के बारे में तफ्सील से बताया गया है कि किस खरीदी केंद्र को किस समिति से संबद्ध किया गया है और किस समिति का खरीदा गया गेहूं कहां निकटतम गोदाम में रखा जाएगा।
जाना था जापान पहुंच गए चीन . . .
पुरानी फिल्म के गाने ‘जाना था जापान पहुंच गए चीन. . .‘ की तर्ज पर गेहूं परिवहन के लिए पाबंद ठेकेदार द्वारा सरकारी दिशा निर्देशों को ठेंगे पर रखा जा रहा है। विपणन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि परिवहन कर्ता ठेकेदार द्वारा नियम कायदों को धता बताते हुए मनमानी ‘लीड‘ तय कर गेहूं का परिवहन किया जा रहा है। उदाहरण के लिए नागनदेवरी का गेहूं धूमा जाना था पर वह सिवनी आ रहा है। इस तरह की अनेक विसंगतियां देखने को मिल रही हैं।
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