बुधवार, 2 जनवरी 2013

लखनादौन नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन?


लखनादौन नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन?

(ए.के.दुबे)

सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश के समूचे देश में जबसे पंचायती राज आया है और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है तबसे पार्षद पति, सरपंच पति, अध्यक्ष पति आदि नाम भी सियासी फिजां में तैर चुके हैं। हर जगह जहां भी महिलाएं चुनी जाती हैं वहां उनके पति ही परोक्ष तौर पर कुर्सी पर काबिज दिखते हैं। मध्य प्रदेश में लखन कुंवर की नगरी लखनादौन की नगर पंचायत का अध्यक्ष कौन है इस बारे में चर्चाएं जोरों पर होने लगी हैं।
सिवनी जिले में चर्चा है कि लखनादौन नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने सोची समझी रणनीति के तहत अध्यक्ष पद थाली में परोसकर श्रीमति सुधा राय को दे दिया था। इस बारे में मध्य प्रदेश के प्रभारी महासचिव बी।के।हरिप्रसाद और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगे थे। आरोप तो यहां तक हैं कि एक अदने से नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए भूरिया और हरिप्रसाद तक ने रिश्वत ली है।
इन बातों में सच्चाई कितनी है यह बात तो भूरिया, हरिप्रसाद या देने वाले ही जानें, किन्तु लोगों की शंकाएं और चर्चाओं को निराधार कतई नहीं माना जा सकता है। दरअसल, सुधा राय के शराब व्यवसाई पुत्र दिनेश राय ने 2008 में लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष रहते हुए सिवनी विधानसभा का चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में सबसे रोचक बात यह थी कि भाजपा की श्रीमति नीता पटेरिया तो विजयी हुईं, दिनेश राय की जमानत बची किन्तु कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी प्रसन्न चंद मालू अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए थे। प्रसन्न मालू सिवनी विधानसभा में कांग्रेस के इकलौते ऐसे प्रत्याशी रहे हैं जो अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।
माना जाता है कि दिनेश राय के चलते ही प्रसन्न मालू की जमानत नहीं बच पाई थी। यहां एक बात और उल्लेखनीय है कि पूर्व में जब सिवनी लोकसभा के विलोपन के षणयंत्र का ताना बाना बुना जा रहा था तब दिनेश राय ने कसम उठाई थी कि अगर सिवनी लोकसभा का विलोपन किया गया तो वे कांग्रेस के कद्दावर नेता हरवंश सिंह ठाकुर के खिलाफ केवलारी से ताल ठोंकेंगे। केवलारी विधानसभा में हैहय कलचुरी समाज का बोलबाला है अतः दिनेश राय की बात पर सभी ने यकीन किया था।
कहा जाता है कि बाद में हरवंश सिंह और दिनेश राय के बीच अंडर टेबिल हुए समझौते के तहत दिनेश राय ने सिवनी विधानसभा से ताल ठोंक दी और दूसरे नंबर पर आ गए। उस वक्त भी एक बात जनता के बीच उठ रही थी कि आखिर क्या वजह है कि शराब व्यवसाई दिनेश राय लखनादौन नगर पंचायत का एक साल का कार्यकाल छोड़कर सिवनी विधानसभा से लड़ रहे हैं जबकि उन्होंने हरवंश सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की कसम ली थी। चर्चा है कि इसके बाद लखनादौन नगर पंचायत के अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस ने दिनेश राय का एहसान चुकाया कि दिनेश राय ने हरवंश सिंह की मुखालफत नहीं की थी।
अब लखनादौन की वादियों में इस बारे में चर्चा आरंभ हो गई है कि क्या नगर पंचायत लखनादौन की अध्यक्ष श्रीमति सुधा राय टोकन अध्यक्ष हैं? इसका कारण यह है कि शराब व्यवसाई दिनेश राय द्वारा लखनादौन नगर पंचायत के कामों का प्रचार प्रसार अपने मीडिया के कथित तौर पर उपकृत मित्रों के माध्यम से इस तरह करवा रहे हैं कि जिसमें हर जगह उनकी ही फोटो अखबारों और सोशल मीडिया में दिखाई दे रही है। वस्तुतः नगर पंचायत लखनादौन के कामों में अध्यक्ष की फोटो होना चाहिए जो कि नदारत ही है। लखनादौन में इस तरह की चर्चा आम हो गई है कि लोग तो चुनाव के बाद श्रीमति सुधा राय का चेहरा ही भूल चुके हैं। अब तो लोग यह भी कहते मिल रहे हैं कि नगर पंचायत लखनादौन एक बार फिर पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय के हवाले ही कर दी गई है। लखनादौन का कांग्रेस संगठन भी मुंह पर ताला लगाए सब कुछ देख रहा है मानो इस मामले में उसकी मौन सहमति हो।
अब तो लोग मजाक में इस बात को कहने लगे हैं कि जिस तरह कांग्रेस में सोनिया गांधी मदामऔर पर्दे के पीछे ही रहती हैं उसी तरह लखनादौन नगर पंचायत में मनमोहन सिंह की भूमिका में आ चुके हैं शराब व्यवसाई दिनेश राय। दिनेश राय के चापलूस मौका परस्त अनुयायी भी उनके महिमा मण्डन में कोई कसर नहीं रख रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर सड़क निर्माण की गुणवत्ता चेक करते हुए दिखाए जाने वाले शराब व्यवसाई दिनेश राय से उनके चापलूस और उपकृत अनुयाई उनसे यह नहीं पूछ पाते हैं कि आखिर क्या कारण है कि तत्कालीन अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमति अलका श्रीवास्तव द्वारा इसी सडक के निर्माण के लिए वर्ष 2009 में दिए गए लिखित आश्वासन पर दिनेश राय ने कार्यवाही क्यों नहीं की?

कोई टिप्पणी नहीं: