वरिष्ठ प्रशासनिक
अधिकारियों को तगड़ा झटका
(महेंद्र देशमुख)
नई दिल्ली (साई)। सरकारी
नौकरी में रहते हुए शीर्ष नौकरशाहों द्वारा जनसेवकों के ताम झाम, लटके झटके और अन्य
बातों से प्रभावित होकर नौकरी को लात मारकर चुनाव लड़ने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने
के लिए केंद्र सरकार संजीदा नजर आ रही है। सरकार अब कुछ संशोधनों के जरिए इनकी
मश्कें कसने जा रही है।
सरकारी नौकरी छोड़ने
के तुरंत बाद शीर्ष पुलिस अधिकारियों सहित नौकरशाहों के चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती
है। सरकार विधि विभाग के एक प्रस्ताव के तहत सेवा नियमों में संशोधन करने जा रही
है। सरकार नौकरशाहों के नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति में आने के बीच की एक अवधि
निर्धारित करने की सलाह दे सकती है।
चुनाव मैदान में कई
वरिष्ठ नौकरशाहों के कूदने से चिंतित चुनाव आयोग ने इस साल के शुरुआत में सरकार से
कहा था कि वह इन अधिकारियों के सरकारी नौकरी छोड़ने और राजनीतिक पार्टी में शामिल
होने के बीच की अवधि निर्धारित करे। इन अधिकारियों में आईएएस, आईपीएस और ग्रुप ए
के अन्य अधिकारी शामिल हैं।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग से
ऐसे अधिकारियों के मामले में इस अंतराल अवधि को लेकर सुझाव मांगे थे, ताकि वे अपने
सेवाकाल के दौरान निष्पक्ष बनें रहें और ईमानदारी के साथ फैसला करें। यह कहा गया
कि कोई व्यक्ति किसी भी कारण से सरकारी नौकरी छोड़ने के बाद एक आम आदमी हो जाता है
और इसलिए हम उनके साथ असमान बर्ताव नहीं कर सकते।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें