रविवार, 8 जुलाई 2012

मानसून ने दिलाई देशवासियों को राहत


मानसून ने दिलाई देशवासियों को राहत

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। दिल्ली में हुई झमाझम बारिश ने राजधानी वासियों को गर्मी और उमस से राहत तो दिला दी है पर सीवर सिस्टम के फेल्युअर होने के कारण जहां तहां जाम की स्थिति से नागरिकों को दो चार होना पड़ा। बारिश के चलते नालियां उफान पर आ गईं और सड़कों पर पानी भर गया जिससे आवागमन बाधित हो गया।
राजधानी दिल्ली के समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से संवाददाताओं ने खबर दी है कि दिल्ली के अधिकांश हिस्सों में कल मध्यम से भारी वर्षा के कारण कई इलाकों मे सड़कें जाम हो गईं। सैकड़ों कामकाजी लोग जाम में फंस गए। आज सुबह भी हल्की बारिश हुई।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली तथा चंडीगढ़ में कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है।असम में बाढ़ और जमीन खिसकने से मरने वालों की संख्या एक सौ २१ तक पहुंच गई है और १६ लोग अब भी लापता है। मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने स्थिति का जायजा लेने के लिए कल बाढ़ प्रभावित नलबाड़ी और बारपेटा जिलों का दौरा किया। उन्होंने राहत शिविरों का दौरा करने के बाद कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं रहेगी। साई संवाददाता ने बताया है कि इस बीच, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के कारण लगभग पांच सौ पचास पशु मारे गए हैं।
दिल्ली में कल मॉनसून पूर्व की वर्षा होने से दिल्लीवासियों को गर्मी और उमस से राहत मिली। शहर के अधिकांश भागों में आज शाम एक घंटे से अधिक समय तक मध्यम से भारी वर्षा हुई। इससे शहर के लक्ष्मी नगर, संसद मार्ग और आई टी ओ सहित विभिन्न भागों में पानी भर गया और यातायात बाधित रहा। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में अधिकतम तापमान ३८ दशमलव चार डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान २९ दशमलव एक डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
उधर, देश के हृदय प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो नंद किशोर से खबर दी है कि मध्य प्रदेश में मॉनसून की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के सूत्रों का कहना है कि आने वाले २४ घंटों में राज्य के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में भारी वर्षा की संभावना है।
मौसम विभाग के अनुसार राज्य के रीवा संभाग में उपरी हवा में चक्रवात के बनने से आने वाले दो-तीन दिनों तक इस क्षेत्र में बारिश होती रहेगी। राज्य में अब तक औसत रूप से १० सेंटीमीटर वर्षा हो चुकी है। जो सामान्य से सात सेंटीमीटर कम हैं। मौसम विभाग का मानना है कि राज्य में इस साल सामान्य वर्षा होगी। राज्य में मानसून की वर्षा होने के साथ ही बुआई के काम में तेजी आ गई है।
उधर, महाकौशल क्षेत्र में मानसून ने अपना असर दिखाना आरंभ कर दिया है। महाकौशल अंचल में कल से ही बादलों ने अपना डेरा डाला हुआ है और रूक रूक कर पानी की तेज बौछारें आ रही हैं। आज सुबह भी प्रदेश के अनेक हिस्सों में पानी की बौछारें पड़ने से पारा काफी हद तक नीचे आ चुका है। मध्यप्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में जोरदार उपस्थिति वर्षा हुई है। एमपी की संस्कारधानी जबलपुर से साई ब्यूरो कमल किशोर ने बताया है कि इस क्षेत्र में जबलपुर संभाग में कल सबसे अधिक २० सेंटीमीटर वर्षा हुई।
मध्यप्रदेश के रीवा, सागर, शहडोल और जबलपुर संभागों में अच्छी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार इस क्षेत्र में ऊपरी दबाव बना हुआ है जिसके चलते अभी यहां दो तीन दिन तक वर्षा का क्रम जारी रहेगा। इस क्षेत्र के बीस जिलों में अब तक ७० दशमलव तीन मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो उमीद से सौ सेंटीमीटर कम है। मौसम विभाग का मानना है कि इन सबके बावजूद राज्य में वर्षा सामान्य ही रहेगी।
उत्तर प्रदेश से समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के अधिकांश पूर्वी जिलों में भारी वर्षा हुई है और मॉनसून राज्य के पश्चिमी हिस्से की ओर बढ़ रहा है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के गोरखपुर संवाददाता ने मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि राज्य के गोरखपुर, इलाहाबाद और वाराणसी मंडलों में हल्की से भारी वर्षा हुई है।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान के कुछ हिस्सों, दिल्ली और आसपास के इलाकों सहित उत्तर भारत के लगभग सभी भागों में लम्बे इंतजार के बाद कल बारिश हुई। एक महीने से अधिक समय से भीषण गर्मी झेल रहे लोगों को बारिश से राहत मिली है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के यूपी ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, बस्ती,लखीमपुर खीरी, इलाहाबाद, जौनपुर और वाराणसी में कल मॉनसून की बारिश हुई।
साई ब्यूरो ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान अब दलहनी, तिलहनी और धान की फसलों की बुवाई और रोपाई में जुट गये हैं। इन इलाकों में पिछले ४८ घंटों के दौरान भारी बारिश हुई है। मानसून प्रदेश के बाकी बचे हिस्सों में भी पहुंच गया है। प्रदेश के दक्षिणी हिस्से और इससे लगे मध्य प्रदेश पर चक्रवाती दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में भारी बारिश होने की संभावना है। ब्यूरो ने बताया कि मॉनसून हालांकि कमजोर है, लेकिन गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा, पंजाब तथा पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के मुंबई ब्यूरो से दीपक अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय मंत्री शरद पंवार ने कहा है कि मानसून की देरी से खेती किसानी की हालत पर ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है। मॉनसून में देरी के बावजूद केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि इस समय देश में कृषि की स्थिति चिंताजनक नहीं है।
मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि कम वर्षा की वजह से महाराष्ट्र और कर्नाटक में दलहन और तिलहन की बोआई पर असर पड़ा है, लेकिन आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल और असम में धान की बोआई पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने मॉनसून की वर्षा की कमी से निपटने के लिए आपात योजनाएं तैयार की है।
मानसून ने असम में कहर बरपाना आरंभ रखा हुआ है। समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के गुवहाटी ब्यूरो से जाकिया तस्मिन रहमान ने खबर दी है कि असम में, धेमाजी जिले में तीन सौ ३५ गांवों के करीब डेढ़ लाख लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं। जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
साई ब्यूरो ने बताया कि राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से अब तक एक सौ २१ लोगों की मृत्यु हुई हैं,जबकि १६ लोग अभी भी लापता हैं। राज्य में बाढ़ से करीब २२ लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने स्थिति का जायजा लेने के लिए आज नलबाड़ी और बारपेटा जिले का दौरा किया।

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