कलेक्टर द्वारा खनन पट्टों की स्वीकृति तथा नवीकरण संबंधी कार्य
भोपाल (साई)। राज्य शासन ने
कतिपय शर्तों के अधीन कलेक्टर द्वारा खनि रियायत संबंधी नियमों के अनुसार खनन
पट्टों की स्वीकृति और नवीनीकरण के कार्य किये जाने की अधिसूचना
जारी की है।
उल्लेखनीय है कि
राज्य शासन द्वारा पूर्व में अधिसूचना जारी कर कलेक्टर को उनके जिले की
सीमान्तर्गत चार हेक्टेयर से कम क्षेत्र पर प्राप्त होने वाले पूर्वेक्षण
अनुज्ञप्ति/खनि-पट्टों तथा अपूर्ण आवेदन-पत्रों को निरस्त करने के अधिकार
दिये जा चुके हैं। शासन ने संचालक भौमिकी तथा खनि-कर्म को निर्देशित
किया है कि उनके पास जिलों से प्राप्त ऐसे जितने भी आवेदन-पत्र हैं वे
संबंधित कलेक्टर को निराकरण के लिये वापस भेज दिये जाये। शासन ने इसी कड़ी
में पुनः अधिसूचना प्रकाशित कर खनि-पट्टों की स्वीकृति तथा नवीनीकरण
के भी अधिकार कलेक्टर को प्रदान कर दिये हैं। इससे राज्य शासन एवं संचालनालय
भौमिकी तथा खनि-कर्म स्तर पर कार्य की अधिकता को कम किया गया है। अब
अधिकांश आवेदकों के आवेदनों का निराकरण जिला-स्तर पर ही हो सकेगा।
खनिज साधन सचिव
श्री एस.एन. मिश्रा ने बताया कि जारी अधिसूचना में तद्नुसार, खान और
खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की अनुसूची-1 में विनिर्दिष्ट
खनिजों तथा चूना पत्थर को छोड़कर समस्त खनिजों की पूर्वेक्षण अनुज्ञप्तियों
और खनन-पट्टों की स्वीकृति अथवा नवीनीकरण किया जायेगा। चूना पत्थर की
पूर्वेक्षण अनुज्ञप्ति तथा खनन-पट्टों के लिये स्वीकृति अथवा नवीनीकरण, जहाँ कि
आवेदित क्षेत्र 50 हेक्टेयर से कम हो।
इसी प्रकार जब
किसी विशिष्ट क्षेत्र के लिये, जहाँ खनिज रियायत
पूर्व से ही प्रदान की गई है।
उस क्षेत्र को अतिव्यापित करते हुए कोई अन्य आवेदक ने आवेदन
प्रस्तुत कर दिया है, तो ऐसे आवेदन का
निपटारा नियमों के अनुसार किया जायेगा। यदि खान और
खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की अनुसूची-1 में विहित
किये गये खनिजों तथा अनुसूची-1 में विहित नहीं
किये गये खनिजों की पूर्वेक्षण
अनुज्ञप्ति और/या खनन पट्टे में विचारण के विशिष्ट क्षेत्र में
साथ-साथ आवेदन किया गया है, तो खण्ड (1) तथा (2) में यथा
उल्लिखित शक्तियाँ प्रयोग में नहीं लाई
जायेंगी।
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