माया के मामले में
सीबीआई को सुको की फटकार
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)।
उच्चतम न्यायालय ने बहुजन समाज पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व
मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का नौ वर्ष से अधिक समय से चल
रहा मामला आज खारिज कर दिया। न्यायालय ने अपने स्पष्ट निर्देश के बिना सुश्री
मायावती के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए सीबीआई की खिंचाई भी की।
न्यायालय ने कहा कि
सीबीआई ने सुश्री मायावती के खिलाफ जो तरीका अपनाया, उसकी जरूरत नहीं थी
और उसने ताज गलियारा घोटाले में न्यायालय के आदेशों को अच्छी तरह समझे बिना उनके
खिलाफ कार्रवाई शुरू की। उधर, उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते
हुए बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख सुश्री मायावती ने पिछले नौ वर्ष से उनका साथ
देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
सुश्री मायावती ने
कहा कि वे माननीय सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील व बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय
महासचिव एवं सांसद सतीश चन्द्र मिश्रा का दिल से आभार प्रकट करती हैं।। जिन्होंने
उनके ही इस केस की सुप्रीम कोर्ट में ठीक ढंग से पेरवी की है और इसके साथ-साथ अपनी
पार्टी के लोगों का भी मायावती ने आभार प्रकट किया है।
केंद्रीय विधि
मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती की आय से
अधिक संपत्ति का मामला उच्चतम न्यायालय में खारिज होने से राजनीति का कोई
लेना-देना नहीं है। नई दिल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि
उच्चतम न्यायालय स्वायत्त, स्वतंत्र और देश की सम्मानीय संस्था है। सर्वाेच्च अदालत के
आदेश को किसी तरह की राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
उधर, एक अन्य मामले में
उच्चतम न्यायालय ने यूपीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी के खिलाफ
उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें राष्ट्रपति चुनाव में वोट मांगने में उन पर
कथित अनियमितता के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने याचिकाकर्ता को चेतावनी दी कि अगर इस
तरह के मुद्दों को लेकर अदालत के सामने फिर पेश हुए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की
जाएगी। न्यायमूर्ति आफताब आलम और एच.एल. गोखले की पीठ ने याचिकाकर्ता पर पचास हजार
रुपये का आरंभिक जुर्माना लगाया, लेकिन बाद में उसके क्षमायाचना करने पर यह
जुर्माना माफ कर दिया गया।
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