मछुआ दिवस-10 जुलाई पर होंगे
कार्यक्रम
भोपाल (साई)। प्रति वर्ष की
तरह इस वर्ष भी मछुआ कल्याण एवं मत्स्य-विकास विभाग द्वारा मछुआ दिवस का
आयोजन 10 जुलाई 2012 को रवीन्द्र भवन
भोपाल में किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में
भी मछुआरा दिवस का आयोजन किया जायेगा।
मछुआरों द्वारा
अर्जित उल्लेखनीय उपलब्धियाँ करने वाले प्रगतिशील मत्स्य पालकों से मछुआ दिवस
में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित मछुआरों से सीधा संवाद करवाया जायेगा।
साथ ही प्रदेश में मत्स्योद्योग विकास के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की
जानकारी दी जायेगी। मछुआरों को मत्स्य-पालन उवं मछली बीज उत्पादन
में यह प्रयास मत्स्योद्योग विकास में महती भूमिका निभा सकेगा।
प्रदेश के
उत्कृष्ट कार्य करने वाले मछुआरों, मत्स्य-पालकों, मत्स्य-बीज उत्पादकों
को उनके उल्लेखनीय कार्य के लिये मछुआ कल्याण तथा मत्स्य-विकास मंत्री
द्वारा पुस्कृत किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष
1957 में भारतीय उप महाद्वीप के प्रख्यात वैज्ञानिक श्री हीरालाल
चौधरी द्वारा किला मत्स्य-बीज प्रक्षेत्र कटक उड़ीसा में प्रमुख सफर मछली के
प्रेरित प्रजनन में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। इस प्रकार जल कृषि के
क्षेत्र में देश की अर्थ-व्यवस्था में की गई प्रगति पर ध्यान आकृष्ट
करने तथा मछुआरों को मार्गदर्शन एवं उनके प्रयासों को दृष्टिगत करने के
उद्देश्य से भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग (मत्स्य प्रभार)
द्वारा 10 जुलाई 2001 को मछुआ दिवस घोषित
करने का निर्णय लिया गया।
मछली पालन में मत्स्य-बीज
संचयन की प्रमुख भूमिका है, जिस पर जल क्षेत्र का मत्स्य-उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादकता निर्भर करती है। इस प्रयास से वांछित प्रजाति का उचित आकार प्रकार का मत्स्य-बीज स्थानीय रूप से उपलब्ध करवाया जाना संभव हो सका है। प्रदेश में मत्स्योद्योग का विकास निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
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