एक दशक में उद्यानिकी क्षेत्र में 104 प्रतिशत वृद्धि
भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में उद्यानिकी क्षेत्र का बीते एक
दशक के दौरान तेजी से विस्तार हुआ है। वर्ष 2001-02 में प्रदेश
में 403 हजार हेक्टेयर में उद्यानिकी की फसलें ली जाती थीं। यह
क्षेत्र वर्ष 2010-11 में बढ़कर 823 हजार
हेक्टेयर हो गया। यह वृद्धि 104 प्रतिशत है।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय
योजना (2007-12) में उद्यानिकी के लिए 321 करोड़ रुपये
का व्यय स्वीकृत था। इसके विरुद्ध, वर्ष 2007-08 में 60 करोड़ 10 लाख 60 हजार, वर्ष 2008-09 में 95 करोड़ 52 लाख 35 हजार, वर्ष 2009-10 में 98 करोड़ 41 लाख 62 हजार रुपये
खर्च हुए। अंतिम वर्ष 2011-12 में 150 करोड़ रुपये
14 लाख 54 हजार रुपये के
स्वीकृत व्यय के विरुद्ध 163 करोड़ 20 लाख 7 हजार रुपये
का व्यय अनुमानित है।
उद्यानिकी फसलों में
सबसे ज्यादा 44.4 प्रतिशत क्षेत्र में मसाला फसलें ली
जाती हैं। इसके बाद, सबसे
ज्यादा 34.5 प्रतिशत क्षेत्र में सब्जियाँ तथा 16 प्रतिशत क्षेत्र
में फलों का उत्पादन होता है।
दसवीं पंचवर्षीय
योजना (2002-07) की तुलना में ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान
उद्यानिकी के क्षेत्र बहुत विकास हुआ है। दसवीं योजना के प्रथम दो वर्ष में
फलों के उत्पादन में 30 प्रतिशत वार्षिक
गिरावट आयी थी। ग्यारहवीं योजना के प्रथम चार
वर्ष में 190 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि हुई।
वर्ष 2007 से 2010 तक विभिन्न
उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में बहुत इज़ाफा हुआ है। इस
दौरान मसाला उत्पादन में 19.05 प्रतिशत, साग-सब्जी
में 143 प्रतिशत तथा फलों
के उत्पादन में 189.97 प्रतिशत वृद्धि
हुई।
वर्ष 2011-12 में 13211.70 हेक्टेयर
में संकर सब्जी की खेती तथा सब्जी क्षेत्र विस्तार की
नयी योजना शुरू की गई। इस वर्ष 2296.17 हेक्टेयर
में सब्जी क्षेत्र विस्तार किया गया। इसी तरह 3174.08 हेक्टेयर
में मसाला क्षेत्र विस्तार किया गया।
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