गुरुवार, 24 नवंबर 2011

मध्यप्रदेश मण्डप राज्य के विकास की झलक: विजयवर्गीय


मध्यप्रदेश मण्डप राज्य के विकास की झलक: विजयवर्गीय

भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में मध्य प्रदेश दिवस

गणगौर व बैगा नृत्य की मनोहारी प्रस्तुति

नई दिल्ली, (ब्यूरो कार्यालय)। मध्यप्रदेश देश का हृदय पदेश है। जैसे हृदय शरीर के स्वास्थ्य का सूचकांक है वैसे ही मध्यप्रदेश देश की प्रगति में महती भूमिका अदा कर रहा ह। उक्त आशय के विचार मध्यप्रदेश के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आज यहां प्रगति मैदान में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में मध्यप्रदेश दिवस समारोह में कही।

श्री विजयवर्गीय ने कहा कि मध्यप्रदेश मण्डप प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हुई प्रदेश की प्रगति की झलक दिखाता है। मध्य प्रदेश दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के महासचिव व मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद और राज्य के उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह ने की। प्रगति मैदान में चल रहे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में मध्य प्रदेश के हाथों के जादू और पैरों की थिरकन से राज्य की सांस्कृतिक विरासत आज अत्यंत मनमोहक रूप में आज जीवन्त हो उठी।

14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले की इस बार थीम ‘‘भारतीय हस्तशिल्प - हाथों का जादू’’ रखी गई हैै। मध्यप्रदेश ने यहां अपने हस्तकौशल की सदियों पुरानी समृद्ध धरोहर का बेहद आकर्षक प्रदर्शन किया है। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2011 में आज मध्य प्रदेश दिवस का आयोजन किया गया। इस मौके पर लाल चौक थियेटर पर निमाड़ अंचल में प्रचलित गीति काव्य गणगौर और बैगा जनजाति में प्रचलित बैगा परधोनी नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति ने जहां राज्य की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन हुए वहीं मध्य प्रदेश के मण्डप में हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पादों की वैविध्यपूर्ण श्रंृखला सदियों पुरानी हस्तकौशल की समृद्ध धरोहर की झांकी प्रस्तुत कर रही है।

मध्य प्रदेश की इसी परंपरा व प्रतिभा के दर्शन मण्डप के आमुख से ही होने लगते हैं। मण्डप का प्रवेश द्वार अपनी रेशमी वस्त्रकला के लिये विश्वविख्यात चंदेरी के किले के मुख्य द्वार बादल दरवाज़े की प्रतिकृति का बनाया गया है। इसके बायीं ओर खजुराहो के अद्वितीय शिल्प सौंदर्य को प्रदर्शित किया गया है जिसे प्रेम और माधुर्य की भावनाओं का पत्थर पर दुनिया में सबसे प्रभावी चित्रण माना जाता है। जबकि दायीं तरफ हाथों से वैज्ञानिक रचनाशीलता के उदाहरण प्राचीन नगरी उज्जैन में करीब तीन सौ वर्ष पहले निर्मित वेधशाला का नमूना स्थापित किया गया है।

मण्डप के ऊपरी हिस्से में चंदेरी के रेशमी वस्त्रों की बुनाई करते मध्य प्रदेश के जादुई हाथ कला सृजन की विभिन्न मुद्राओं में दर्शाये गये हैं। मण्डप में राज्य सरकार की महिला सशक्तीकरण के कार्यक्रमों, लोकसेवा के प्रदाय की गारंटी योजना आदि प्रमुख योजनाओं के साथ साथ स्वर्णिम मध्यप्रदेश के निर्माण के राज्य के उस संकल्प को दर्शाया गया है जिसे मध्य प्रदेा की विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया है तथा राज्य के सर्वांगीण एवं समावेशी विकास के माध्यम से प्रदेश वासियों का जीवन उत्तरोत्तर समृद्ध और खुशहाल बनाने और उन्हें अपनी क्षमताओं के अनुरूप सर्वश्रेष्ठ कार्य करने एवं राष्ट्र के विकास में योगदान करने का अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।

मण्डप के अंदर माण्डू के रानी रूपमती महल की प्रतिकृति में झरोखों में महेश्वर, बाघ, बाटिक, ब्लॉक प्रिंटिंग, ज़री ज़रदोज़ी आदि हस्तकलाओं के सजीव प्रदर्शन के माध्यम से दर्शकों को राज्य की हथकरघा एवं हस्तकला की विरासत का वास्तविक अहसास कराने का प्रयास किया गया है। हाथों की इस कला का पर्यटन से अटूट संबंध है। किसी स्थान की स्थापत्यकला पर्यटकों को जहां अपनी दहलीज़ पर आने का निमंत्रण देती है वहीं हस्तशिल्प एवं हथकरघा उत्पाद ही उनके लिये वहां की यादों को संजोये रखने का माध्यम होते हैं। मध्य प्रदेश में वन्यजीव उद्यानों के साथ साथ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक महत्व के पर्यटन स्थलों की भी झांकी राज्य के नैसर्गिक एवं शिल्प सौंदर्य की श्रृंखला को परिपूर्ण करती दिखाई देती है। 

कोई टिप्पणी नहीं: