0 घंसौर को झुलसाने
की तैयारी पूरी . . . 87
आखिर क्या है प्रशासन की खामोशी का राज!
धूल के गुबार फैला
रहे बीमारी, धमाकों ने सुखाए जलस्त्रोत, फट रही घरों की दीवारें
(शिवेश नामदेव)
सिवनी (साई)। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम
थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड
द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के छटवीं सूची में अधिसूचित आदिवासी बाहुल्य घंसौर
विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित किए जाने वाले 1260 मेगावाट के कोल आधारित
पावर प्लांट में जबर्दस्त तरीके से अनियमितताएं हो रही हैं और जिला प्रशासन खामोशी
से सब कुछ देख सुन रहा है। जिला प्रशासन की खामोशी समझ से परे ही मानी जा रही है।
ग्रामीणों के अनुसार पावर प्लांट में दिन
रात वाहनों की आवाजाही से धूल के गुबार चारों ओर दिन रात उड़ते रहते हैं। गर्मी के मौसम
में पानी की सिंचाई के बिना संयंत्र प्रबंधन द्वारा यह काम किया जा रहा है। इतना ही
नहीं संयंत्र प्रबंधन द्वारा बार बार अज्ञात कारणों से किए जाने वाले धमाकों से ना
केवल जमीन थर्रा रही है वरन् आसमान धूल से पटा पड़ा है। आसमान में उड़ती धूल लोगों को
बीमार कर रही है। ग्रामीणों के अनुसार इन धमाकों से ग्रामीणों के नलकूप सूख गए हैं
और उनके घरों की दीवारें फट गईं हैं।
क्षेत्र में मीडिया से जुड़े रवि अग्रवाल के
मुताबिक उन्होंने विकास खण्ड की सभी जमीनों के नामांतरण संबंधी जानकारी हेतु सूचना
के अधिकार कानून के तहत तहसीलदार के समक्ष आवेदन फरवरी में दिया था। इस पर कोई कार्यवाही
ना होने पर इसकी शिकायत उनके द्वारा अप्रेल माह में जिला कलेक्टर से की गई,
पर जिला कलेक्टर की ओर से भी कोई जवाब उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है।
आरोपति है कि घंसौर में किसानों के साथ जमीन
अधिग्रहण के मामले में उन्हें छलने के आरोप के चलते आदिवासी किसान संयंत्र के मुख्य
द्वार के सामने अनशन पर बैठे हुए हैं। हठीला जिला प्रशासन और संयंत्र प्रबंधन इन किसानों
की मांगों को दरकिनार कर उन्हें गर्मी में झुलसने पर मजबूर किए हुए है।
(क्रमशः जारी)
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