मंगलवार, 22 मई 2012

सिंधिया से ज्यादा नाथ पर है गौर को भरोसा!


सिंधिया से ज्यादा नाथ पर है गौर को भरोसा!

प्रदेश की समस्याओं के लिए जागरूक गौर ने थामा कमल नाथ का दामन!

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश के विकास के लिए अगर कोई सबसे ज्यादा फिकरमंद हैं तो वे हैं सूबे के स्थानीय शासन मंत्री बाबू लाल गौर। अपनी हर दिल्ली यात्रा में बाबू लाल गौर द्वारा प्रदेश के विकास के लिए राशि की मांग की जाती है, अनेक बार तो राशि की स्वीकृति भी मिल जाती है। बाबू लाल गौर ने कांग्रेस नीत केंद्र सरकार से राशि की मांग के लिए मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के सांसद और केंद्रीय मंत्री कमल नाथ का दामन थामा हुआ है।
2008 के उपरांत जब दुबारा भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में सत्ता में आई उसके बाद जैसे ही शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला तब से स्थानीय शासन विकास मंत्री बाबू लाल गौर ने मध्य प्रदेश के विकास के लिए करोड़ों अरबों रूपयों की मांग की जा चुकी है। एक मर्तबा तो बाबू लाल गौर द्वारा एक हजार करोड़ रूपए की राशि कमल नाथ से झटक भी ली गई।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश कोटे से केंद्र में अब ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमल नाथ ही मंत्री हैं। बाबू लाल गौर द्वारा कभी भी ज्योतिरादित्य सिंधिया के दरबार में जाकर मध्य प्रदेश के लिए कुछ भी ना मांगा जाना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है। वैसे बाबू लाल गौर और कमल नाथ की जुगल बंदी से मध्य प्रदेश को कुछ मिला हो या नहीं पर यह बात अवश्य है कि मीडिया के माध्यम से दोनों ही नेताओं ने अरबों खरबों रूपयों का आवंटन मध्य प्रदेश को दिलवा दिया है, जो शोध का विषय है।
संभवतः यही कारण है कि मध्य प्रदेश भाजपा द्वारा पूर्व में नेशनल हाईवे की दुर्दशा होने के बाद भी तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ के खिलाफ कोई आंदोलन नहीं कर पाई। गौरतलब है कि पूर्व में मध्य प्रदेश भाजपाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा वर्ष 2010 में दो बार घोषणा की गई थी कि नेशनल हाईवे की दुर्दशा के कारण एनएच पर पड़ने वाले गांवों में मानव श्रंखला बनाई जाएगी एवं हस्ताक्षर अभियान चलाया जाकर, प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
दोनों ही बार प्रभात झा ने अघोषित तौर पर अपना आंदोलन वापस ले लिया था। हाल ही में एमपी में नेशनल हाईवे की दुर्दशा के चलते उन्होंने पिछले दिनों बालाघाट से भोपाल लौटते समय सिवनी में घोषणा की थी कि सिवनी की विधायक श्रीमति नीता पटेरिया जो महिला मोर्चा की अध्यक्ष हैं के नेतृत्व में सड़कों के लिए केंद्र के खिलाफ आंदोलन चलाया जाएगा, प्रभात झा की यह घोषणा भी महज घोषणा ही साबित हुई।
बहरहाल, मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री बाबूलाल गौर ने एक बार फिर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री कमल नाथ से मुलाकात कर नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तैयार कराई गयी कार्ययोजना सौपीं और इसके लिए ठोस अपरिशिष्ट प्रबंधन, सीवरेज, बरसाती नाला-नाली निर्माण, स्वच्छता, वृक्षारोपण के लिए केन्द्र सरकार से 1298.87 करोड़ रूपये की अनुदान राशि की मांग की।
श्री गौर ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि देश की प्राचीनतम नर्मदा नदी का जल तेजी से प्रदूषित हो रहा है और अगर यही स्थिति रही तो मध्यप्रदेश की जीवन रेखा की स्थिति आगामी 10-20 वर्षों में अत्यधिक गम्भीर हो जायेगी। उन्होंने नर्मदा नदी में पानी की घटती हुई गुणवत्ता पर भी चिन्ता व्यक्त की।
उन्हांेने कहा कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण एवं नगरों में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही के फलस्वरूप नर्मदा नदी प्रदूषित हो रही है। ओंकारेश्वर, महेश्वर, अमरकंटक जैसे नगरों में बहुत से स्थानों पर मल-जल को इस पवित्र नदी में ही निष्पादित किया जाता है जो कि एक गम्भीर समस्या है। एक मोटे अनुमान के अनुसार नर्मदा घाटी में स्थित 53 नगरों से लगभग 500 टन ठोस अपशिष्ट प्रतिदिन उत्सर्जित होकर प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से नर्मदा में मिलता है। इसी तरह इन नगरों से लगभग 210 एम एल डी अपशिष्ट जल (सीवेज) उत्सर्जित होता है और नर्मदा में मिलता है।
श्री गौर ने केन्द्रीय मंत्री से भोपाल में 24 किलोमीटर लम्बे मिसरौद से बैरागढ़ तक की स्वीकृत बी आर टी एस परियोजना के लिए अनुपूरक डी पी आर राशि 121.50 करोड़ रूपये को शीद्य्र जारी करने का भी आग्रह किया। साथ ही भोपाल शहर के मार्गों को स्तरीय बनाने एवं लोक परिवहन सुगम करने के लिए 25858.80 लाख रूपये की राशि अपने मंत्रालय की विशेष निधि राशि से स्वीकृत करवाने का भी आग्रह किया।
केन्द्रीय कमल नाथ ने आश्वासन दिया कि नर्मदा सम्बन्धी संरक्षण की कार्य योजना के लिए वह केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री श्रीमती जयंती नटराजन को इस सम्बन्ध में पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा कि आगामी 8 जून को नई दिल्ली में इस सम्बन्ध में बैठक प्रस्तावित की गयी है। जिसमें राज्य सरकार सहित केन्द्र सरकार के अधिकारी मौजूद रहेंगे और इस प्रकरण के अलावा राज्य सरकार के अन्य लंबित प्रकरणों पर भी विचार कर शीघ्र निदान किया जायेगा।

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