काले धन पर श्वेत पत्र पेश
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)। काले धन पर अब सरकार कुछ
कार्यवाही करती नजर आ रही है। काले धन के मामले में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा
सदन में श्वेत पत्र पेश किया गया। काले धन पर संसद में पेश श्वेत पत्र में वित्तीय
अपराधों से निपटने और दोषियों को कठोर दंड देने के लिए फास्ट ट्रेक अदालतों में मुकदमा
चलाने का सुझाव दिया गया है। विपक्ष ने इसे निराशाजनक करार दिया है। इसके अलावा आईपीएल
में भी काले धन के होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा रहा है।
प्रणव मुखर्जी ने इसमें काले धन पर अंकुश
लगाने के लिए चार सूत्री उपाय करने का सुझाव दिया गया है। इनमें कर कानूनों के स्वेच्छा
से पालन करने पर ज्यादा प्रोत्साहन, अर्थव्यवस्था के नाजुक क्षेत्रों में सुधार
तथा कालेधन पर रोक लगाने के कारगर उपाय करने के सुझाव शामिल है। वित्त मंत्री प्रणब
मुखर्जी ने कल लोकसभा में श्वेत पत्र पेश कर दिया। इस दस्तावेज में कहा गया है कि वित्तीय
तथा रियल एएस्टेट क्षेत्र में सुधार से लम्बी अवधि में काले धन पर काबू पाने में मदद
मिलेगी।
श्वेत पत्र में काले धन की समस्या से निपटने
के लिए लोकपाल और लोकायुक्तों की स्थापना की जोरदार वकालत की गई है। श्वेत पत्र में
डेबिट और क्रेडिट कार्डों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए कर में रियायत देने का
सुझाव दिया गया है। जीडीपी में ११ प्रतिशत योगदान करने वाले रियल एस्टेट क्षेत्र में
काले धन पर काबू पाने के लिए कहा गया है कि सरकार को राष्ट्रव्यापी डाटा बेस तैयार
करना चाहिए, संपत्ति की बिक्री पर टी डी एस तथा इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणाली
लागू करनी चाहिए।
वित्त मंत्री ने सदन को बताया कि देश में जमा काले धन का सही-सही अनुमान
नहीं है लेकिन उन्होंने इन खबरों का जोरदार खंडन किया कि स्विस बैंकों में सबसे अधिक
धन भारत के लोगों ने जमा किया है। श्वेत पत्र में सरकार ने काले धन की मात्रा का विश्वसनीय
अनुमान लगाने के लिए और और जांच पड़ताल पर जोर दिया है तथा इस समस्या से निपटने में
राज्य सरकारों से सहयोग मांगा है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी
ने संसद में काले धन पर पेश किए गये श्वेत
पत्र को निराशाजनक दस्तावेज बताते हुए कहा है कि इसमें काले धन से जुड़े कई सवालों का
जवाब नहीं दिया गया है। कल नई दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने कहा
कि इस दस्तावेज में न तो काला धन रखने वाले लोगों का उल्लेख है और ना ही विदेशों से
काला धन वापस लाने की किसी योजना का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज देश
की समस्याओं के बारे में चिंतित नागरिकों के सवालों का जवाब देने में विफल रहा है।
इसकी सबसे बड़ी खामी यह है कि इसमें काले धन की मात्रा के बारे में कुछ नहीं बताया गया
है।
इसके अलावा कालेधन के मामले में आईपीएल को
भी संदेह के दायरे में रखा गया है। खेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि वह
आईपीएल क्रिकेट मैचों में कालेधन के इस्तेमाल के आरोपों की जांच का आदेश दे। खेल मंत्री
अजय माकन ने कल लोकसभा में कहा कि पिछले सप्ताह खेल मंत्रालय के सचिव ने राजस्व विभाग
के सचिव को इस संबंध में पत्र लिखा था और प्रवर्तन निदेशालय तथा आयकर विभाग से जांच
कराने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि बीसीसीआई अपने खुद जांच कर
रही है या नहीं कर रही किस तरीके से कर रही है लेकिन उन्होंने रेवेन्यू सेक्रेटरी को
स्पोर्ट्स मंत्रालय ने लिखा है कि इसकी जांच तेजी से कराई जाये और ईडी और आईडी डिपार्टमेट
दोनों इसमें तेजी से काम करें।श्री माकन ने कहा कि एक हजार ७७ करोड रूपये के फेमा उल्लंघन
के मामले में आईपीएल और बीसीसीआई को १९ नोटिस भेजे गये हैं।
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