आड़वाड़ी के तीर से कहीं घायल न हो जाएं शिवराज
0 गरीब का बेटा मुख्यमंत्री तो बन गया, कहीं सियासी चाल में न उलझा देपीएम केंडीडेट का प्रोजेक्शन
0 उमाश्री के तेवर तीखे होने की आशंका
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। भले ही किसी भी कारण से सही पर मध्य प्रदेश के सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान का नाम प्रधानमंत्री का केंडीडेट के बतौर उछालने से सियासी हल्कों में तूफान आ गया है। माना जा रहा है कि भाजपा की दूसरी पंक्ति द्वारा नरेंद्र मोदी का नाम बतौर पीएम उछालने की काट के रूप में आड़वाणी ने यह तीर चलाया है।
स्वयं राजग के पीएम इन वेटिंग द्वारा शिवराज सिंह चौहान का नाम अगले प्रधानमंत्री के दावेदारों की फेहरिस्त में शामिल किए जाने से निश्चित रूप से चौहान के राजनैतिक रसूख में एकदम से इजाफा हुआ है। गांव के गरीब घर में जन्मे शिवराज सिंह चौहान ने भले ही संसद की दहलीज पर जाने की बात कभी सोची भी न होगी, फिर उन्हें मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया गया, और अब भाजपा के कथित लौह पुरूष लाल कृष्ण आड़वाणी ने एन चलते चुनाव मेें उन्हें पीएम के दावेदारों की फेहरिस्त में शामिल करवा दिया है।
जानकारों का मानना है कि नरेंद्र मोदी के कद को कम करने के उद्देश्य से आड़वाणी ने इस तरह का सोझा समझा बयान दिया है। साथ ही साथ वे मध्य प्रदेश में भावनात्मक तौर पर मतदाता और कार्यकर्ताओं को सक्रिय भी करना चाह रहे होंगे। कहा तो यहां तक जा रहा है कि आड़वाणी ने मोदी के बाद चौहान का नाम फिजां में उछालकर यह संदेश देने में भी सफलता हासिल कर ली है कि भाजपा में पीएम के लायक नेताओं की फौज है।
देश की राजनैतिक राजधानी में अब चौहान और मोदी के बीच तुलना और समानताएं गिनाना आरंभ हो गया है। दोनों ही नेताओं को मुख्यमंत्री पद अचानक ही मिला और दोनों ही के नेतृत्व में गुजरात और मध्य प्रदेश में भाजपा सत्ता पर दुबारा काबिज हुई। गुजरात में अगर केशु भाई तो मध्य प्रदेश में उमाश्री भारती अगर ठीक राह चलते तो क्या मोदी और चौहान की लाटरी लग सकती थी।
इससे इतर मध्य प्रदेश में शिवराज द्वारा एक के बाद एक लागू की गईं जनकल्याणकारी योजनाएं मील का पत्थर बनती जा रही हैं। प्रदेश में चल रही लाड़ली लक्ष्मी योजना का जादू इस कदर सर चढ़कर बोला कि केंद्र सरकार ने भी इसे अपना लिया, और तो और पंजाब और राजस्थान भी इसे लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
बहरहाल आड़वाणी के इस बयान के बाद अब सभी की नजरें शिवराज सिंह चौहान के उपर आकर टिक गईं हैं। चौहान के बढ़ते कद को उमाश्री भारती कतई पचा नहीं पाएंगी। अगर उनकी भाजपा में वापसी होती है, तो निश्चित रूप से वे शिवराज के मार्ग में शूल बोने का काम युद्ध स्तर पर पहली प्राथमिकता बनाकर ही करेंगी।
रिश्म शुक्ला शर्मा जाएंगी केंद्र में
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश काडर की 1984 बेच की भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रिश्म शुक्ता शर्मा जल्द ही केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर जाने वाली हैं। उन्हें केंद्र में सदस्य सचिव, बाल अधिकार संरक्षण आयोग (नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाईल्ड राईट्स) में सदस्य सचिव के बतौर पदस्थ किया जा सकता है।
ज्ञातव्य है कि श्रीमति शर्मा पूर्व में सिवनी की जिलाधिकारी रह चुकी हैं, उनके पति प्रवेश शर्मा भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मध्य प्रदेश काडर के अधिकारी हैं, एवं वे भी सिवनी में कलेक्टर रह चुके हैं।
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