अन्तत: मध्य प्रदेश का ताज प्रभात झा को
उमाश्री मामले के चलते शिवराज ने दी अपनी सहमति
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 28 अप्रेल। लंबी जद्दोजहद के बाद अन्तत: मध्य प्रदेश भाजपाध्यक्ष के लिए प्रभात झा का नाम तय हो ही गया है। 02 मई को प्रदेश के प्रभारी कालराज मिश्र देश के हृदय प्रदेश की राजधानी भोपाल में उनके नाम की औपचारिक घोषणा करेंगे। मध्य प्रदेश में लंबे समय तक संगठन के लिए काम करने वाले प्रभात झा मूलत: पत्रकार हैं, और उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों के लिए काम भी किया है।
भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश संगठन के लिए अध्यक्ष का चुनाव आसान नहीं था। प्रदेश में अस्तित्व वाले अनेक गुटों द्वारा अपने अपने पसन्द के नेता का नाम इसके लिए उछाला जा रहा था। जैसे ही प्रभात झा का नाम सामने आया वैसे ही उनके बिहार मूल के होने की बात राजनैतिक फिजां में तैरा दी गई। सूत्रों ने बताया कि संघ और भाजपा नेतृत्व को बताया गया कि भले ही प्रभात झा बिहार के रहने वाले हों पर उनकी कर्मभूमि तो मध्य प्रदेश ही रही है।
प्रभात झा का नाम सामने आते ही एक गुट द्वारा इन्दौर की संसद सदस्य सुमित्रा महाजन का नाम जोर शोर से उछाला जाने लगा। तब लगने लगा था कि महिलाओं को प्रसन्न करने तेन्तीस फीसदी आरक्षण की हिमायत करने वाली भाजपा द्वारा कहीं प्रदेश के निजाम के बतौर सुमित्रा महाजन को न बिठा दिया जाए। इसके अलावा इन्दौर के ही दूसरे क्षत्रप और मध्य प्रदेश के एक वजनदार गायक मन्त्री कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ सामने आए मामलों से उन्हें कमजोर करने के लिए भी सुमित्रा महाजन की ताजपोशी की खबरें चल पडी थीं।
सूत्रों ने बताया कि उमा भारती के फेक्टर के चलते शिवराज सिंह चौहान बुरी तरह खौफजदा थे, और वे चाहते थे कि संगठन की बागडोर उनके किसी पिट्ठू को ही सौंपी जाए। उन्होंने प्रभात झा को अध्यक्ष की कुर्सी से दूर रखने के लिए एडी चोटी लगा दी थी। सूत्रों के अनुसार जब पार्टी नेतृत्व द्वारा शिवराज सिंह चौहान को भरोसा दिलाया गया कि प्रभात झा के अध्यक्ष बनने से मध्य प्रदेश में संगठन को काफी लाभ पहुंचेगा तब जाकर उन्होंने अपनी सहमति जताई। वैसे भी संघ के सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी ने प्रभात झा को अध्यक्ष बनने के लिए अभैद्य दीवार का काम ही किया है।
प्रभात झा के करीबी बताते हैं कि राजमाता सिंधिया के गृह जिले ग्वालियर में प्रभात झा द्वारा स्वदेश अखबार में काम करने के दौरान ही संध की रीतियों नीतियों से प्रभावित होकर वे बरास्ता संघ भाजपा में सक्रिय भूमिका में आए। इसके बाद उनकी कर्मभूमि चंबल से हटकर राजधानी भोपाल हो गई, जहां वे संवाद और संपर्क प्रमुख के बतौर काम करने लगे। राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनने के उपरान्त उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सचिव बना दिया गया। प्रभात झा को मध्य प्रदेश से राज्य सभा में भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि 02 मई को उनके नाम की औपचारिक घोषणा के बाद वे किसी भी दिन अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।
प्रभात झा के करीबी बताते हैं कि राजमाता सिंधिया के गृह जिले ग्वालियर में प्रभात झा द्वारा स्वदेश अखबार में काम करने के दौरान ही संध की रीतियों नीतियों से प्रभावित होकर वे बरास्ता संघ भाजपा में सक्रिय भूमिका में आए। इसके बाद उनकी कर्मभूमि चंबल से हटकर राजधानी भोपाल हो गई, जहां वे संवाद और संपर्क प्रमुख के बतौर काम करने लगे। राजनाथ सिंह के अध्यक्ष बनने के उपरान्त उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सचिव बना दिया गया। प्रभात झा को मध्य प्रदेश से राज्य सभा में भेजा गया है। सूत्रों का कहना है कि 02 मई को उनके नाम की औपचारिक घोषणा के बाद वे किसी भी दिन अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे।
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