गुरुवार, 27 मई 2010

कब मिल सकेगा साफ पेयजल!


कब मिल सकेगा साफ पेयजल!

हर जिले में खुलेगी पेयजल परीक्षण प्रयोगशाला

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 27 मई। भारत गणराज्य को ब्रितानी हुकूमत की गुलामी जंजीरें तोडे हुए छः दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है फिर भी आवाम को साफ पीने का पानी मुहैया न होना अब तक की सरकारों के लिए शर्म की बात कही जा सकती है। आम आदमी खाने के बिना गुजारा कर सकता है, पर पानी के बिना गुजारा संभव ही नहीं है। ब्रितानी राज में अंग्रेजों द्वारा साफ तौर पर कहा जाता था कि सारी सुविधाएं मुहैया कराना ब्रितानी हुकूमत की जवाबदारी है, पर पानी के लिए रियाया को खुद ही पहल करनी होगी। यही कारण था कि उस समय हर घर में एक कुंआ खोदा गया था। अमूमन हर घर में पानी की व्यवस्था खुद ही की जाती रही थी, आजादी के पहले तक।

आजादी के उपरांत 2010 में एक बार सरकार की तंद्रा टूटती नजर आ रही है। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि आम जनता को पीने का पानी मुहैया करवाने के लिए अब हर जिले में पेयजल परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की जाए। कंेद्र सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय देश के हर जिले में चार लाख रूपए व्यय कर इस तरह की प्रयोगशाला की संस्थापना करने जा रही है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार की एक महात्वाकांक्षी योजना सामने आई है, जिसमें देश के हर नागरिक को साफ पीने का पानी मुहैया करवाना प्रमुख माना गया है।

ग्रामीण विकस मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि विभाग के पेयजल आपूर्ति विंग ने इस योजना को युद्ध स्तर पर अमली जामा पहनाने की ठान ली है। इस हेतु विभाग द्वारा शत प्रतिशत अनुदान भी मुहैया करवाया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि इस योजना को राज्यों की सरकारें चाहें तो अपने अपने स्तर पर आगे बढवा सकती हैं। केंद्र ने राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं कि अगर वे चाहें तो राष्ट्रीय पेयजल सहायता योजना में मिलने वाली राशि का पांच प्रतिशत हिस्सा प्रयोगशाला को बनाने में खर्च कर सकती हैं।