सावधान! टोल फ्री के चक्कर में लुट न जाना
निजी सेवा प्रदाता वसूल रहे हैं बाकायदा शुल्क
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 16 मई। किसी भी उत्पाद या अन्य विषयों की जानकारी के लिए मुफ्त की दूरभाष सेवा (टोल फ्री नंबर) का प्रयोग करने के पहले आप सौ बार सोच लीजिएगा, कहीं एसा न हो कि आप जिसे टोल फ्री नंबर समझ रहे हों वही नंबर के माध्यम से सेवा प्रदाता कंपनी आपकी जेब हल्की कर रही हो। यह सच है कि 10 और 11 मई की दर्मयानी रात 12 बजे से निजी सेवा प्रदाता कंपनियों ने टोल फ्री नंबर को भी सशुल्क में तब्दील कर दिया है।
संचार मंत्रालय के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि निजी मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों ने इस तरह की व्यवस्था लागू कर दी है कि 11 मई के आरंभ होते ही अब उनका कोई भी नंबर टोल फ्री नंबर नहीं रह जाएगा। मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों के कस्टमर केयर के नंबर इसमें शामिल किए गए हैं कि नहीं यह बात अभी साफ नहीं हो सकी है। सूत्रों ने कहा है कि निजी तौर पर मोबाईल सेवा प्रदाता कंपनियों ने किसी भी तरह की जानकारी देने को अब सशुल्क बना दिया है। 11 अंको वाले टोल फ्री नंबर अब सशुल्क ही हो गए हैं। इसके अलावा कंपनियों से बात करने पर भी पैसा लगेगा।
सूत्रों की मानें तो आईडिया, रिलायंस, भारती एयरटेल, वोडाफोन सहित सभी बडी और छोटी कंपनियों ने इस व्यवस्था को लागू कर दिया है। अमूमन प्री पेड उपभोक्ता द्वारा टोल फ्री नंबर से बात करने के बाद अपना बेलेंस चेक नहीं किया जाता है, और न ही पोस्ट पेड उपभोक्ता द्वारा अपने आईटमाईज्ड बिल को बारीकी से देखा जाता है। सूत्रों ने कहा कि इनमें से नामी गिरामी कंपनियांे ने तो एक अप्रेल से सात अप्रेल के बीच इसका प्रयोग कर उपभोक्ताओं की जेबें हल्की भी कर दीं हैं। बताते हैं कि टाटा ने इस व्यवस्था से अपने आप को अलग थलग ही रखा है।
इस नई व्यवस्था में उपभोक्ता को टोल फ्री नंबर पर बात करने पर कितना भोगमान भोगना होगा यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। कंपनियों में चल रही चर्चाओं के अनुसार कंपनियां इस मामले में तीन मिनिट के लिए पचास पैसे शुल्क वसूलने की योजना बना रही है। अगर उपभोक्ता ने चर्चा एक सेकंड भी उपर की तो उसके दूसरे पचास पैसे कट जाएंगे।
3 टिप्पणियां:
मैंने कल शाम को अपने एसी में खराबी के लिये LG को फोन किया। उन्होने मेरी शिकायत लिखकर शिकायत नंबर भी मुझे sms कर दिया। आज सुबह ही सुबह LG की तरफ से sms आया जिसमें उन्होने कंपनी को सेवा का मौका देने के लिये मेरा शुक्रिया अदा किया है और कहा है कि अगर मैं उनकी सेवा से खुश हूं तो 2 लिखकर sms करूं और नाखुश हूं तो 1 लिखकर sms करूं। और खास बात ये है कि अब तक एसी ठीक होना तो दूर किसी ने इस बारे में पूछताछ भी नहीं की लेकिन कंपनी ने मान लिया आधे दिन में ही मेरा एसी ठीक हो गया। खेल यहां नहीं है खेल sms का है। मैं कंपनी को जो एसएमएस करूंगा वो प्रीमियम चार्ज वाला है जो sms के अगले पेज पर लिखा है जहां तक आम तौर पर जला भुन्नाया कस्टमर पहुंचता ही नहीं है। जले पर नमक वाला इस तरह का sms मिले तो मेरा जैसा कुछ ज़्यादा ही जला भुना कस्टमर हो तो वो तो 2-3 sms एक साथ ठोंक देता होगा यानी कंपनी की तो हो गई कमाई। गफलत में हर दूसरा कस्टमर अवश्य हां या ना का sms करता होगा। अंदाज लगाइये sms से कितना कमा रही होंगी कंपनियां। मुझे तो दरअसल आज ही पता चला कि इस तरह के sms प्रीमियम चार्ज वाले होते हैं।
अजय, गाज़ियाबाद
इन साडी मोबाइल कंपनियों की जाँच बारीकी से करने की जरूरत है ,क्योकि ये जनता को लूट रही है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है /
आपने सही सचेत किया है। आपकी लेखनी धारदार है। हिंदी ब्लागिंग को आप और ऊंचाई तक पहुंचाएं, यही कामना है।
http://gharkibaaten.blogspot.com
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