आजाद और सोज में ठनी रार
एक दूसरे से दुआ सलाम भी नहीं बची दोनों के बीच
(लिमटी खरे)
एक दूसरे से दुआ सलाम भी नहीं बची दोनों के बीच
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 01 जून। जम्मू काश्मीर के पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री गुलाम नवी आजाद और वर्तमान अध्यक्ष सेफुद्दीन सोज के बीच तलवारें जमकर खिंच गईं हैं। दोनों के बीच कलह का आलम यह है कि अब दोनों के मध्य ‘‘टाकिंग टर्मस‘‘ भी नहीं बचे हैं। वैसे भी गुलाम नवी आजाद और सैफुद्दीन सोज के बीच का मन मुटाव किसी से छिपा नहीं है। कश्मीर के कांग्रेस के इन क्षत्रपों ने एक दूसरे के प्रति अपनी नाराजगी का इजहार सार्वजनिक तौर पर करने से गुरेज भी नहीं किया है। जब भी आजाद कश्मीर जाते हैं तो उनकी बनती कोशिश होती है कि उनका सामना सोज से न हो पाए।
पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नवी आजाद जम्मू कश्मीर यात्रा पर थे। चार दिनों की अपनी यात्रा में व्यस्त क्षणों में से उन्होंने कुछ समय निकाला और पहुंच गए श्रीनगर के रायल स्प्रिंग कोर्स में गोल्फ खेलने। गुलाम को भान भी न होगा कि वहां उनकी मुलाकात अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदी सैफुद्दीन सोज से हो जाएगी। जब गुलाम वहां थे, तभी वहां पहुंच गए जम्मू काश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज।
वहां उपस्थित लोगों के आश्चर्य की सीमा तब नहीं रही जब उन्होंनें देखा कि सूबे के कांग्रेस के दो वरिष्ठतम नेताओं ने एक दूसरे को सामने पाकर न केवल बातचीत से ही परहेज किया वरन् एक दूसरे को दुआ सलाम करना भी गैरमुनासिब ही समझा। अब लोग दोनों की इस कदर दुश्मनी के अंदरखाते की खबरें खोजने में लगे हुए हैं कि आखिर क्या वजह रही कि आजाद और सोज आपस में इतना दुराव क्यों पाले हुए क्यों हैं। बताते हैं कि सैफुद्दीन सोज ने अपनी टीम में पूर्व आतंकवादी कुक्का पार्रे के पुत्र इम्तियाज को अपनी टीम का सदस्य बना लिया है, आजाद खेमा इम्तियाज के कांग्रेस में प्रवेश के खिलाफ था, सो ठन गई रार दोनों ही नेताओं के बीच।
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