सद्भाव और मीनाक्षी बच रहे हैं अपनी जवाबदारियों से
(लिमटी खरे)
सिवनी। उत्तर दक्षिण गलियारा सिवनी से होकर जाएगा या नहीं इस प्रश्न के जवाब में सभी उलझ गए हैं, इसका लाभ इस मार्ग का निर्माण करा रही सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी और मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा सीधे सीधे उठाया जा रहा है। जिस मार्ग का निर्माण रूका हुआ है, उसका रख रखाव करने से भी ये कंपनियां बच रहीं हैं, और सिवनी में प्रशासन के साथ ही साथ जनसेवक भी अपनी जवाबदारियों से अपने आप को बचाकर रखे हुए हैं।
एनएचएआई के उच्च पदस्थ सूत्रों का दावा है कि वर्तमान में जिस मार्ग का निर्माण नहीं हुआ है, और जहां जहां से इन कंपनियों ने बायपास बनाकर आरंभ करवा दिया है, अथवा आरंभ होना शेष है, वहां शहरी बसाहट से होकर गुजरने वाले मार्ग के रखरखाव की जवाबदारी भी निर्माण करा रही कंपनियों की है। विडम्बना है कि लगातार दूसरे साल में भी इन मार्गों के धुर्रे उड गए हैं, जिसका खामियाजा यहां से होकर गुजरने वाले वाहनों को भुगतना पड रहा है।
सूत्रों ने कहा कि एनएचएआई के सिवनी में पदस्थ अधिकारियों द्वारा भी इस दिशा में कठोर कार्यवाही न कर परोक्ष तौर पर मार्ग निर्माण में लगी कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। ये कंपनियां इन मार्ग का रख रखाव न कर सीधे सीधे अपना आर्थिक हित साधने में लगी हुई हैं। इन कंपनियों द्वारा इन मार्गों के पेंच रिपेयर न कराकर मेटेरियल, लेबर, तेल आदि को बचाकर आर्थिक लाभ अर्जित किया जा रहा है।
गौरतलब होगा कि तत्कालीन जिला कलेक्टर पिरकीपण्डला नरहरि के 18 दिसंबर 2008 के आदेश के उपरांत सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी और मीनाक्षी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने अपना काम मंथर गति से आरंभ कर कालांतर में काम को लगभग रोक ही दिया है। यही कारण है कि जिला मुख्यालय सिवनी के पश्चिमी और से गुजरने वाले प्रस्तावित बायपास का काम भी पूरा नहीं किया जा सका है। आज आलम यह है कि नगझर के आगे जबलपुर मार्ग पर फोरलेन के बायपास से बरास्ता सिवनी मुख्यालय होते हुए सीलादेही तक के मार्ग, जबलपुर रोड पर बंजारी माता के आगे का मार्ग और मोहगांव के आगे से खवासा तक का मार्ग बुरी तरह जर्जर हो चुका है। एसा नहीं कि इस मार्ग से प्रशासन के आला अधिकारी और जनसेवक न गुजरते हों पर किसी का ध्यान भी इस ओर न जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है।
आज आवश्यक्ता इस बात की है कि सिवनी वासी इस बारे में जवाब तलब करें। यह सवाल जवाब सिवनी में चल रही परियोजना के परियोजना निदेशक विवेक जायस्वाल से किया जाना आवश्यक होगा। बताया जाता है कि भारतीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा परियोजना निदेशक का मुख्यालय सिवनी से उठाकर चुपचाप ही जबलपुर स्थानांतरित कर दिया गया है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर विवेक जायस्वाल भी अब सप्ताह में एकाध दिन ही सिवनी में अपनी आमद देते हैं, शेष समय वे जबलपुर में ही गुजारते हैं।
पीडी विवेक जायस्वाल से मांगना होगा सिवनी वासियों को जवाब
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