बुधवार, 25 अगस्त 2010

फोरलेन विवाद का सच ------------------- 15

मुख्यतः वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने नहीं दिया है क्लीयरेंस 

क्यों अडंगा लगा रहे हैं जयराम रमेश
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 25 अगस्त। उत्तर दक्षिण सड़क गलियारे का काम पूरी मुस्तैदी से जारी होने के बाद भी मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में इसके काम को रोक दिया गया है। जिला मुख्यालय से दक्षिण की ओर नागपुर के मार्ग का काम तत्कालीन जिला कलेक्टर सिवनी के 18 दिसंबर 2008 के आदेश से रूका है किन्तु उत्तरी सीमा में बंजारी माता से लेकर गनेशगंज के पास तक का काम किसके आदेश से रूका है, यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी है।
 
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सूत्रों का दावा है कि यह सारा काम इसलिए रोका गया है क्योंकि रक्षित वन और पेंच नेशनल पार्क के भाग से गुजरने वाली सड़क में क्लीयरेंस देने का काम वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा अभी तक नहीं दिया गया है। गौरतलब होगा कि 19 अगस्त को राजधानी दिल्ली के मध्य प्रदेश भवन में पत्रकारों से रूबरू मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सिवनी जिले के साथ अन्याय होने की बात कही गई थी।
 
एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कुछ माह पूर्व केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा था कि उत्तर दक्षिण गलियारा पेंच नेशनल पार्क से होकर गुजर रहा है, जिस पर उन्होंने रेड सिग्नल दिखा दिया है। रमेश ने कहा था कि उन्होने स्वयं ही जाकर वास्तविकता देखी थी। साथ ही रमेश वहीं स्पष्ट भी कर गए कि उन्होंने जबलपुर जाकर मौके का मुआयना किया। जयराम रमेश कब सिवनी आए और पेंच नेशनल पार्क के बारे में उन्होने मालुमात की यह बात तो सिर्फ और सिर्फ वे ही बता सकते हैं, क्योंकि पेंच नेशनल पार्क के हिस्से में आने वाली सड़क की दूरी जिला मुख्यालय जबलपुर से कम से कम 180 किलोमीटर दूर है, सो जो हकीकत उनके सामने लाई गई होगी वही हकीकत अगर वे जबलपुर आने की जहमत न उठाते तो उन्हें दिल्ली में बैठे बैठे ही पता चल जाती।
 
सूत्रों ने इस बात के संकेत भी दिए हैं कि चूंकि डॉ.मनमोहन सिंह सरकार की पहली पारी में कमल नाथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग विभाग के केबनेट मंत्री थे, एवं जयराम रमेश उनके मातहत राज्य मंत्री थे। इसी दौरान किसी बात को लेकर दोनों में अनबन हो गई थी, जिसे जयराम रमेश आज तक निभा रहे हैं। इसके साथ ही साथ जयराम रमेश को यह बात भी बता दी गई है कि उक्त सड़क वर्तमान भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र से होकर गुजर रही है, अतः इसको लाल झंडी दिखाना अनिवार्य है। इस बात में कितनी सच्चाई है यह बात तो जयराम रमेश ही जाने पर दूसरी सच्चाई यह है कि पिछले दो सालों में भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस सड़क के पेंच और रक्षित वन से गुजरने की अनुमति अब तक प्रदान ही नहीं की गई है।

कोई टिप्पणी नहीं: