बिना डाक्टरी सलाह न लें पैरासिटामाल टेबलेट
शोध बताता है इससे हो सकता है अस्थमा
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली 17 अगस्त। हल्का बुखार, थकान या दर्द की शिकायत होने पर युवाओं द्वारा अक्सर ही पैरासिटामाल टेबलेट का प्रयोग डाक्टरी सलाह के बिना ही कर लिया जाता है। ताजा शोध से पता चला है कि इस तरह का कृत्य नीम हकीम खतरे जान वाली कहावत को चरितार्थ कर सकता है। शोध बताता है कि अगर युवा नियमित तौर पर पैरासिटामाल का प्रयोग करते हैं तो उनमें अस्थमा होनी की आशंका बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इससे एलर्जी भी हो सकती है।
13 से 14 साल के लगभग तीन लाख किशोरों के उपर किए गए शोध से नतीजा चौंकाने वाला सामने आया है। अध्ययन में पता चला है कि जो किशोर महीने में कम से कम एक बार पैरासिटामाल गोली का प्रयोग करते थे उनमें अस्थमा होने की आशंका ढाई गुना ज्यादा हो जाती है। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं का दावा है कि साल में एक बार पैरासिटामाल का प्रयोग करने वाले युवाओं को अस्थमा का खतरा पचास फीसदी ज्यादा हो जाता है।
‘‘अमेरिकी जर्नल ऑफ रेस्परेटरी एंड क्रिटिकल केयर मेडीसिन‘‘ में प्रकाशित इस सर्वे में रिसर्च स्कालर्स का कहना है कि अमूमन हल्के बुखार और दर्द के होने पर दर्दनाशक यह दवा प्रतिरोधक तंत्र में सीधे सीधे दखल दे देती है, जिससे श्वास नली में सूजल और जलन जैसी शिकायतें होने लगती हैं। इनका कहना है कि पैरासिटामाल का सेवन दुनिया भर में धडल्ले से किया जा रहा है।
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