मकर संक्राति के बाद होगी कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा
सोनिया की टीम का गठन भी 14 के बाद
सोनिया को है सूर्य के उत्तरायण होने के का इंतजार
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। कांग्रेस की बहुप्रतिक्षित कार्यकारिणी, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और महामहिम राज्यपाल के बारे में कांग्रेस आलाकमान श्रीमति सोनिया गांधी मकर संक्राति के उपरांत ही कोई कोई फैसला लेंगी। गौरतलब होगा कि हिन्दू रीति रिवाज, विधि विधान में पूस के माह में शुभ कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है अतः कांग्रेस भी कार्यसमिति के गठन आदि के मामले में शांत बैठी हुई है।
कांग्रेस आलाकमान के करीबी सूत्रों का कहना है कि वैसे तो श्रीमति सोनिया गांधी को माघ पूस माह में वर्जित या वैध बातों से बहुत ज्यादा सरोकार नहीं है, फिर भी उनके रणनीतिकारों के समझाने पर पिछले कुछ सालों से वे इसके लिए तैयार हो गईं हैं कि हिन्दू विधि विधान में वर्जित बातों का पालन सुनिश्चित किया जाए। हाल ही में चौथी मर्तबा अध्यक्ष चुने जाने के बाद श्रीमति सोनिया गांधी को अभी अपनी टीम की घोषणा करना बाकी है।
इसके अलावा मध्य प्रदेश के कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और महामहिम राज्यपाल के मामले में भी अभी फैसला लिया जाना शेष है। कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र (श्रीमति सोनिया गांधी का सरकारी आवास) 10 जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिए कि मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष के लिए चल रहे नामों में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आलाकमान की पहली पसंद बनकर सामने आए हैं। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के करीबी और सांसद सज्जन सिंह वर्मा का नाम सबसे उपर चल रहा है। वर्मा के अतिरिक्त कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की पहली पसंद के तौर पर उनकी टीम की मीनाक्षी नटराजन उभरकर सामने आईं हैं।
महिलाओं पर मेहरबान होंगी सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी भले ही महिला आरक्षण विधेयक को परवान न चढ़ा पाई हों पर कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने में सोनिया गांधी दिलचस्पी अवश्य ही दिखाएंगी। उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि अपनी टीम के गठन में सोनिया द्वारा महिलाओं की 33 फीसदी भागीदारी अवश्य ही सुनिश्चित की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने अपनी संभावित टीम के लिए अपने राजनैतिक सचिव अहदम पटेल, महासचिव दिग्विजय सिंह के साथ ही साथ अपने पुत्र और महासचिव राहुल गांधी से रायशुमारी के अनेक चरण पूरे कर लिए हैं।
चार साल पहले गठित कर्यकारिणी में राहुल गांधी, मध्य प्रदेश से मीनाक्षी नटराजन के अलावा अलका लांबा और जितेंद्र सिंह अवतार सिंह भड़ाना, सांसद निर्मल खत्री, संजय बाफना, विवेक बंसल जैसे युवाओं को सोनिया ने अपनी कार्यकारिणी में स्थान दिया था।
भले ही संसद में सोनिया गांधी द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को परवान न चढ़वाया जा सका हो, किन्तु 24 अकबर रोड़ में महिलाओं की तेंतीस फीसदी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सूत्रों ने संकेत दिए कि महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देन के मसले पर सोनिया गांधी बहुत ज्यादा संजीदा हैं। वर्तमान में कार्यसमिति में महिलाओं की भागीदारी महज 15 फीसदी है, साथ ही मारग्रेट अल्वा के उत्तराखण्ड के राज्यपाल बनने के बाद अब सांसद मोहसीना किदवई ही अकेली महिला महासचिव बचीं हैं।
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने अपनी संभावित टीम के लिए अपने राजनैतिक सचिव अहदम पटेल, महासचिव दिग्विजय सिंह के साथ ही साथ अपने पुत्र और महासचिव राहुल गांधी से रायशुमारी के अनेक चरण पूरे कर लिए हैं।
चार साल पहले गठित कर्यकारिणी में राहुल गांधी, मध्य प्रदेश से मीनाक्षी नटराजन के अलावा अलका लांबा और जितेंद्र सिंह अवतार सिंह भड़ाना, सांसद निर्मल खत्री, संजय बाफना, विवेक बंसल जैसे युवाओं को सोनिया ने अपनी कार्यकारिणी में स्थान दिया था।
भले ही संसद में सोनिया गांधी द्वारा महिला आरक्षण विधेयक को परवान न चढ़वाया जा सका हो, किन्तु 24 अकबर रोड़ में महिलाओं की तेंतीस फीसदी भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सूत्रों ने संकेत दिए कि महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देन के मसले पर सोनिया गांधी बहुत ज्यादा संजीदा हैं। वर्तमान में कार्यसमिति में महिलाओं की भागीदारी महज 15 फीसदी है, साथ ही मारग्रेट अल्वा के उत्तराखण्ड के राज्यपाल बनने के बाद अब सांसद मोहसीना किदवई ही अकेली महिला महासचिव बचीं हैं।
युवा कांधे तलाश रही हैं सोनिया
महाधिवेशन के उपरांत जब सोनिया अपनी नई कार्यकारिणी का गठन करेंगी तब उसमें एमडीएमके अध्यक्ष वाईको को धूल चटाने वाले माणिक टैगोर, विजंेद्र सिंगला, कृष्णा बेरे को सचिव पद से नवाजा जा सकता है। इसके अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सांसद पुत्र संदीप दीक्षित और पश्चिम बंगाल के सांसद मौसम नूर को भी संगठन में स्थान मिल सकता है।
ये हांेगे सोनिया के निशाने पर
सत्ता और संगठन की मलाई चखने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नवी आजाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, व्ही.नारायणसामी, वीरप्पा मोईली, ए.के.अंटोनी, जयराम रमेश जैसे दिग्गजों को सरकार या संगठन में से एक पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
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