सराही जा रही है सलवा जुडूम पर आधारित फोटो प्रदर्शनी
नई दिल्ली (ब्यूरो)। नई दिल्ली के इंडिया हेबीटेट सेंटर में इन दिनों देश भर के चुनिंदा प्रेस फोटोग्राफर्स की छाया चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। नेशनल फाउंडेशन फार इंडिया द्वारा हर साल दो फोटोग्राफर्स को चुनकर उन्हें एक लाख रूपए की फैलोशिप प्रदान की जाती है। इस साल मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के उदयपुरा ग्राम निवासी शेखर सोनी को यह प्रदान की गई है।
इस बार इंडिया हेबीटेट सेंटर की ओपन आर्ट गैलरी में शेखर सोनी के अलावा मुंबई के अमित मधोशिय जिनकी फोटो का विषय मुंबई का फुटपाथ है और कोलकता की सुचेता दास जिन्होनंे बाल बीडी मजदूरों के संघर्ष को रेखांकित किया है, की फोटो प्रदर्शित की गई हैं। इस प्रदर्शनी में कुल 76 फोटो प्रदर्शन हेतु लगाई गई हैं।
श्री शेखर सोनी ने बताया कि उन्होंने नक्सलवाद के सलवा जुडूम अर्थात शांति मार्च पर आधारित छाया चित्रों को प्रदर्शन हेतु उपलब्ध कराया है। इस विषय पर उन्हंे प्रेरणा कहां से मिली इस सवाल के जवाब में वे कहते हैं कि 2005 में एक यात्री बस को नक्सलियों द्वारा उड़ा दिया गया था, उसके बाद ही उन्होंने इस विषय पर काम करने की ठानी। उन्होंने कहा कि पांच साल में उन्होंने नक्सलवाद के प्रभाव को छत्तीसगढ़ जाकर काफी करीब से देखा है।
श्री सोनी ने कहा कि नक्सवादियों के बीच जाकर उनके विरोध में चल रहे इस अभियान के बारे में जानकारी और छायाचित्र लेना बहुत ही कठिन काम था, पर जान हथेली पर रखकर उन्होंने इसे अंजाम दिया। महाराष्ट्र की संस्कारधानी नागपुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाले शेखर सोनी कहते हैं कि वे हर छः महीने में नक्सल प्रभावित क्षेत्र मंे जाकर अपने काम को अंजाम देते थे।
वे कहते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नि को सदा ही भरोसे में लेकर अपने इस अभियान के बारे मेें बताया। उन्होंने कहा कि हर बार वे एक ही बात अपनी अर्धांग्नी को बताकर जाते थे कि अगर वे नहीं लौटे तो उनके दस लाख रूपए के बीमें की राशि से ही आगे गुजर बसर करना।
उनका कहना है कि रमन सरकार द्वारा अगर थोडी और ईमानदारी से इस काम को अंजाम दिया जाता तो आज छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की जड़ें उखड़ चुकी होतीं। सरकारों की अनदेखी के चलते ही आज नक्सलवाद देश के 22 राज्यों में फैल चुका है। हर राज्य को सलवा जुडुम लागू करे तो इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं। इस प्रदर्शनी को केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक सहित अनेक गणमान्य नागरिकों, पत्रकारों, नेताओं द्वारा सराहा जा रहा है।
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