रविवार, 6 फ़रवरी 2011

भूतल परिवहन मंत्रालय ने हृदय प्रदेश से किया किनारा



निजाम बदलते ही एमपी से भेदभाव आरंभ
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय के निजाम बदलते ही विभाग ने देश के हृदय प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार करना आरंभ कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा भले ही तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ पर मध्य प्रदेश के साथ भेदभाव के आरोप लगाए जाते रहे हों, पर मध्य प्रदेश के खाते में कमल नाथ ने कुछ न कुछ अवश्य ही डाला है।
सरफेस ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के आला दर्जे के सूत्रों का कहना है कि विभाग के नए निजाम की प्राथमिकता पर अब राजस्थान सर्वोपरि हो गया है, इसलिए अब योजनाएं, मद, फंड, कार्यप्रणाली, विस्तार आदि में राजस्थान को प्राथमिकता मिलना आरंभ हो गया है। उत्तर प्रदेश क झांसी से चंदेलों के समय की सुप्रसिद्ध मूर्तिकारी के लिए प्रसिद्ध खजुराहो के बीच का सड़क निर्माण कार्य राष्ट्रीय सड़क प्राधिकरण ने रोक दिया है। एनएचएआई द्वारा मध्य प्रदेश में प्रस्तावित फोरलेन मार्गों को अब निचली प्राथमिकता पर रख दिया गया है। सूत्रों ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश मंे स्वीकृत हुए नेशनल हाईवे के निर्माण चाहे वे टू लेन हों या फोरलेन की समयावधि भी अब अनिश्चित ही समझी जानी चाहिए।
गौरतलब होगा कि मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व में मध्य प्रदेश से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों के रखरखाव के लिए तत्कालीन भूतल परिवहन मंत्री कमल नाथ को जिम्मेदार ठहराकर अनेक बार जनता के बीच जाकर अभियान चलाने और प्रधानमंत्री से मिलने की बात कही गई थी, जिसे अमली जामा कभी नहीं पहनाया गया। अब जबकि एनएचएआई द्वारा साफ तौर पर मध्य प्रदेश के साथ भेदभाव किया जा रहा है, तब मध्य प्रदेश भाजपा और शिवराज सरकार क्या स्टंेड लेती है, लोगों की नजरें इस पर आकर टिक गईं हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: