सक्रिय हुए भारद्वाज विरोधी
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश कोटे से राज्य सभा में पहुंचने वाले और फिर कभी मुडकर मध्य प्रदेश का रूख नहीं करने वाले पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज के विरोधी लामबंद होना आरंभ हो गए हैं। कर्नाटक के राज्यपाल भारद्वाज के केंद्र में वापसी की सुगबुगाहटों के बाद अब एक बार फिर उनकी खुलकर मुखालफत होने लगी है।
पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज की बार बार दिल्ली यात्रा से अनुमान लगाया जा रहा था कि वे कर्नाटक के राजभवन से निकलकर पुनः सक्रिय राजनीति में आना चाह रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस सुप्रीमो श्रीमति सोनिया गांधी की वर्तमान कानून मंत्री वीरप्पा माईली के प्रति नाराजगी की खबरों के चलते भारद्वाज ने एक बार फिर कानून मंत्रालय पर काबिज होने की जुगत लगाना आरंभ कर दिया था।
वैसे तो मोईली और भारद्वाज दोनों ही के प्रति सोनिया गांधी का रूख बहुत सकारात्मक नहीं है फिर भी अब भारद्वाज विरोधियो ंने उनके मार्ग में शूल बोना आरंभ कर दिया है। बताया जाता है कि बोफोर्स मामले में क्लोजर रिपोर्ट के लीक होने से सोनिया गांधी खासी खफा थीं। इस बारे में उन्होंने अपने जासूसों को पतासाजी करने को कहा था कि इसके पीछे आखिर कौन सा चेहरा था।
दस जनपथ के सूत्रों का कहना है कि भारद्वाज विरोधियों ने सोनिया गांधी को बताया है कि बोफोर्स मामले में क्वात्रोच्चि को लेकर ट्रिब्यूनल आर्डर जारी किया गया था जिस पर कोहराम मचा, और यह ट्रिब्यूनल कानून मंत्रालय के अधीन आता है, एवं जब यह मामला चरम पर था तब हंसराज भारद्वाज ही कानून मंत्री थे।
कहा जा रहा है कि कानून मंत्री वीरप्पा माईली के गुर्गों ने इशारों ही इशारों में सोनिया गांधी को यह समझा दिया है कि पिछले दिनों बोफोर्स मामले को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार की जो भद्द पिटी है उस रिपोर्ट को हंसराज भारद्वाज द्वारा ही लीक किया गया है।
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