शिव की बाबा गिरी से भाजपाई खफा
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा बार बार बाबा रामदेव को तरजीह देने से भाजपा में दूसरी पंक्ति के नेताओं की भवें तनती प्रतीत हो रही हैं। रामलीला मैदान से बाबा रामदेव को खदेड़ने के बाद शिवराज सिंह चैहान ने बयान दिया था कि बाबा चाहें तो एमपी में आकर अनशन कर सकते हैं।
हाल ही में बाबा रामदेव को एक बार फिर महिमा मण्डित करने के लिए शिवराज सरकार ने बाबा रामदेव को शहीद चंद्रशेखर आजाद पुरूस्कार से नवाजने का मन बनाया है। 28 अप्रेल 2006 को प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित इस पुरूस्कार में नियम कायदों से छेड़छाड़ कर दी गई है। बाबा रामदेव की मध्य प्रदेश यात्रा के दौरान भी बैतूल जिले में शिवराज ने बाबा रामदेव का भरपूर साथ दिया था।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि बाबा रामदेव से सबसे अधिक खतरा कांग्रेस के बजाए भाजपा को है, इसका कारण यह है कि अगर बाबा रामदेव चुनावी समर में कूदे तो हिन्दू वोटों का ही बटवारा होना है, जिससे भाजपा के परंपरागत वोट बैंक में ही सेंध लगेगी। उधर कांग्रेस भी बाबा के आरोपों से बुरी तरह तिलमिलाई है। यही कारण है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही मिलकर बाबा को साईड लाईन करने का जतन कर रही है, इन परिस्थितियों में चैहान द्वारा बाबा को ज्यादा वजन देने से भाजपा में शिवराज के खिलाफ माहौल बनना आरंभ हो गया है।
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